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महाभारत - कुरुक्षेत्र - भाग 2 - cover

महाभारत - कुरुक्षेत्र - भाग 2

Vikram Aditya

Publisher: Publishdrive

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Summary

5000 ईसा पूर्व से 5000 ईस्वी तक – हर घर में एक ही कहानी दोहराई जाती है।
 
महाभारत के शाश्वत नाटक और गहन ज्ञान का अनुभव करें जैसे कभी नहीं किया हो। विक्रम आदित्य द्वारा सावधानीपूर्वक रचित यह 300+ पृष्ठों का महाकाव्य प्राचीन कहानी को एक आकर्षक आधुनिक स्पर्श देकर पुनर्जीवित करता है, जो नैतिकता और मूल्यों की जटिल विषयों को न केवल सुलभ बनाता है बल्कि अत्यंत आकर्षक भी बनाता है।
 
टाइटन्स के संघर्ष का साक्षात्कार करें – पांडव बनाम कौरव – जब पुराने झगड़े एक ऐसे युद्ध में भड़कते हैं जो हमेशा के लिए धर्म (धार्मिकता) को पुनः परिभाषित करेगा। इस महाकाव्य संघर्ष को प्रज्वलित करने वाले दर्दनाक विकल्पों, वीर बलिदानों और अडिग इच्छा का अनुभव करें।
 
"महाभारत: कुरुक्षेत्र" सिर्फ एक रोमांचक साहसिक नहीं है, बल्कि नैतिकता, मूल्य और मानव संबंधों की जटिलताओं के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि भी प्रदान करता है। यह एक शाश्वत कथा है जो आज भी पाठकों के साथ प्रतिध्वनित होती है।
 
एक ऐसी दुनिया में कदम रखें जहां प्रत्येक अध्याय केवल एक कहानी नहीं बल्कि एक गहन जीवन पाठ प्रस्तुत करता है जो खोजे जाने की प्रतीक्षा करता है।
 
"कुरुक्षेत्र - भाग 2" कुशलता से महाभारत की व्यापक कथा के शेष 50 प्रतिशत को शामिल करता है।
Available since: 02/19/2024.
Print length: 282 pages.

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    🔸 कहानी का नाम: उन्माद  
    🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
    🔸 शैली: मनोवैज्ञानिक, सामाजिक 🔸 
     मुख्य विषय: मानसिक उथल-पुथल, सामाजिक संघर्ष  
    🔸 मुख्य पात्र: उन्माद से जूझता व्यक्ति  
    🌟 कहानी के मुख्य बिंदु:  
    मानवीय मनोविज्ञान की जटिलता  
    भ्रम और वास्तविकता का संघर्ष  
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