Begleiten Sie uns auf eine literarische Weltreise!
Buch zum Bücherregal hinzufügen
Grey
Einen neuen Kommentar schreiben Default profile 50px
Grey
Jetzt das ganze Buch im Abo oder die ersten Seiten gratis lesen!
All characters reduced
मुझे अपना कमरा साफ़ रखना पसंद है - cover

मुझे अपना कमरा साफ़ रखना पसंद है

Shelley Admont, KidKiddos Books

Verlag: KidKiddos Books

  • 0
  • 0
  • 0

Beschreibung

यह बाल पुस्तक बच्चों को ज़िम्मेदारी उठाने और अपना कमरा व्यवस्थित रखने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। इस चित्रांकित पुस्तक में जिस तरह छोटे खरगोश जिम्मी और उसके भाइयों ने सीख ली वह अनुसरणीय है। उन्होने साथ में काम करना, कमरा साफ और अपने खिलौने जमाना सीखा।
यह कहानी आपके बच्चों के सोने से पहले पढ़ने के लिए आदर्श है और पूरे परिवार के लिए भी आनंद का स्रोत बन सकती है।
Verfügbar seit: 20.01.2023.
Drucklänge: 34 Seiten.

Weitere Bücher, die Sie mögen werden

  • Pachchtava - cover

    Pachchtava

    Dharmendra Mishra

    • 0
    • 0
    • 0
    Story Summery: 
    विदूषक ने दोस्त सम्पाती का साथ छोड़ दिया और इंसानों की बस्ती की ओर चल पड़ा। वहाँ चारों ओर हरे-भरे पेड़, स्वादिष्ट फल और रंग-बिरंगे बाग़-बग़ीचे थे। विदूषक को लगा – यही तो असली सुख है! 
    लेकिन जिन बंदरों के साथ वह पहुँचा था, वे पहले से इंसानों की चालाकियों से परिचित थे। वे सब तो सुरक्षित निकल गए, मगर बेचारा विदूषक फँस गया। इंसानों ने डंडों और लाठियों से उस पर हमला कर दिया। उसका पैर टूट गया। 
    अब न तो दोस्त रहे और न ही जीने का सहारा… अकेला विदूषक एक वृक्ष के खोखल में पड़ा अपनी आख़िरी साँसों की प्रतीक्षा करने लगा।
    Zum Buch
  • कॉर्पोरेट ऑफिस का सच - cover

    कॉर्पोरेट ऑफिस का सच

    Sonika bhatia

    • 0
    • 0
    • 0
    "कॉर्पोरेट ऑफिस का सच" कैसे अपने सपनों को पूरा करने के लिए किन किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है
    Zum Buch
  • Chunnu-Munnu - kids story - cover

    Chunnu-Munnu - kids story

    Dharmendra Mishra

    • 0
    • 0
    • 0
    "चुन्‍नू-मुन्‍नू" दो प्यारे खरगोश भाइयों की दिलचस्प और रोमांचक कहानी है। 
     चुन्‍नू और मुन्‍नू एक सुंदर बागीचे में साथ-साथ खुशहाल जीवन बिता रहे थे। दोनों में गहरा प्यार था और वे कभी एक-दूसरे से अलग नहीं होते थे। लेकिन एक दिन उस बागीचे में आ जाती है चालाक और खूंखार बिल्ली — कबरी। उसकी नज़र इन भोले खरगोशों पर पड़ती है और वह तय करती है कि उन्हें अपना शिकार बनाएगी। 
    कबरी अपनी चालाकी से दोनों भाइयों के बीच फूट डाल देती है। चुन्‍नू, जो भोला और मासूम था, उसकी बातों में आकर मुन्‍नू से दूर चला जाता है। और फिर, जैसे ही वह बागीचे से बाहर कदम रखता है, कबरी अपने असली रूप में आकर उस पर घातक हमला करती है! 
    अब सवाल है — क्या चुन्‍नू अपनी जान बचा पाएगा? क्या मुन्‍नू अपने भाई को समय रहते बचा सकेगा? 
     जानिए आगे क्या होता है इस रोमांच, सस्पेंस और भावनाओं से भरी कहानी में — 
     🎧 सुनिए “चुन्‍नू-मुन्‍नू” — एक ऐसी ऑडियो स्टोरी जो बच्चों को सिखाती है कि आपसी प्रेम और विश्वास ही असली ताकत है!
    Zum Buch
  • अमर गज़ल गायक जगजीत सिंह - cover

    अमर गज़ल गायक जगजीत सिंह

    राजकुमार केसवानी

    • 0
    • 0
    • 0
    उमेश कुमार गुप्ता की निबंध संग्रह अमर गज़ल गायक जगजीत सिंह सुनिए पल्लव के साथ
    Zum Buch
  • Safed Haathi - cover

    Safed Haathi

    Umesh Kumar Gupta

    • 0
    • 0
    • 0
    सुनिए ‘सफ़ेद हाथी’ – उमेश गुप्ता द्वारा लिखित व्यंग्य संग्रह 
    ‘सफ़ेद हाथी’ एक अनोखा व्यंग्य संग्रह है जो हमारी सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था की सच्चाई को तीखे हास्य और चुटीले अंदाज़ में उजागर करता है। उमेश गुप्ता की लेखनी सरल है, पर प्रभावशाली – जो पाठक को हँसाते हुए सोचने पर मजबूर कर देती है। 
     इस संग्रह में आपको रोज़मर्रा की जिंदगी की उन विडंबनाओं का चित्रण मिलेगा, जिनसे हम सभी परिचित हैं – लेकिन जिन पर अक्सर हम चुप रहते हैं। 
     यदि आपको प्रेमचंद, हरिशंकर परसाई, या श्रीलाल शुक्ल की लेखनी पसंद है, तो ‘सफ़ेद हाथी’ आपको ज़रूर पसंद आएगा
    Zum Buch
  • भगोड़ा - cover

    भगोड़ा

    राजकुमार केसवानी

    • 0
    • 0
    • 0
    चंबल का एक डाकू शक्ति सिंह।अपने गिरोह के अत्याचारी सरदार से उसकी पत्नी ममता को बचाता है और उसकी इच्छा के अनुसार उसे उसकी मौसी के घर छोड़ कर वापस आ जाता है। लौट कर वो कैलाश पांडे के गिरोह में शामिल हो जाता है। थोड़े समय बाद कैलाश पांडे का हृदय परिवर्तन हो जाता है और वह अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ आत्म समर्पण कर देता है। शक्ति सिंह आत्मसमर्पण नहीं करता और बंबई (अब मुंबई ) भाग जाता है। वहाँ उसकी मुलाक़ात ममता से होती है फिर क्या होता है ? जानने के लिये सुनिए भगोड़ा
    Zum Buch