Join us on a literary world trip!
Add this book to bookshelf
Grey
Write a new comment Default profile 50px
Grey
Listen online to the first chapters of this audiobook!
All characters reduced
त्यागी का प्रेम - मुंशी प्रेमचंद की कहानी - Tyagi Ka Prem - Munshi Premchand Ki Kahani - cover
PLAY SAMPLE

त्यागी का प्रेम - मुंशी प्रेमचंद की कहानी - Tyagi Ka Prem - Munshi Premchand Ki Kahani

Munshi Premchand

Narrator Munshi Premchand

Publisher: LOTUS PUBLICATION

  • 0
  • 0
  • 0

Summary

त्यागी का प्रेम - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Tyagi Ka Prem - Munshi Premchand Ki Kahani 
मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'त्यागी का प्रेम' सच्चे प्रेम, त्याग और समर्पण की भावना को बेहद संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत करती है। यह कहानी उस निस्वार्थ प्रेम की है, जिसमें अपना सबकुछ समर्पित कर देने का साहस और बलिदान शामिल है। 'त्यागी का प्रेम' के माध्यम से प्रेमचंद यह संदेश देते हैं कि प्रेम केवल पाने का नाम नहीं है, बल्कि उसमें त्याग और दूसरों की खुशी के लिए बलिदान करने की ताकत भी होनी चाहिए।  
🔸 कहानी का नाम: त्यागी का प्रेम  
🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
🔸 शैली: भावनात्मक, प्रेरणादायक  
🔸 मुख्य विषय: निस्वार्थ प्रेम, त्याग और समर्पण  
🔸 मुख्य पात्र: त्यागी प्रेमी और उसके जीवन की परिस्थितियाँ  
🌟 कहानी के मुख्य बिंदु: प्रेम का सच्चा अर्थ निस्वार्थता और त्याग का महत्व प्रेमचंद की गहन और मार्मिक लेखनी मानव भावनाओं की सजीव प्रस्तुति 
  
मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। प्रेमचंद ने गरीबों, किसानों और मजदूरों के दुःख-दर्द को अपनी कहानियों में ऐसा उकेरा कि पाठक उनके पात्रों के साथ जीने लगते हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं।
Duration: 40 minutes (00:39:41)
Publishing date: 2025-01-09; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —