Beti Ka Dhan - Munshi Premchand - बेटी का धन - मुंशी प्रेमचंद
Munshi Premchand
Narrator Munshi Premchand
Publisher: LOTUS PUBLICATION
Summary
बेटी का धन - मुंशी प्रेमचंद - Beti Ka Dhan - Munshi Premchand महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी 'बेटी का धन' समाज में बेटियों की स्थिति, परिवार की संवेदनाएं और माता-पिता के त्याग को दर्शाती है। यह कहानी भावनाओं का ऐसा संगम है, जो आपके दिल को छू लेगी और सोचने पर मजबूर कर देगी। 🔸 कहानी का नाम: बेटी का धन 🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद 🔸 शैली: सामाजिक, संवेदनशील, परिवार आधारित 🔸 मुख्य विषय: बेटियों का महत्व, परिवार की भावनाएं, त्याग और प्रेम 🌟 इस कहानी से क्या सीखें: बेटियों का समाज और परिवार में महत्व माता-पिता का निःस्वार्थ प्रेम त्याग और बलिदान का गहरा संदेश ✨ यह कहानी आपको एक अनमोल सीख देगी। इसे पूरा सुनें और अपने विचार साझा करें। मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। प्रेमचंद ने गरीबों, किसानों और मजदूरों के दुःख-दर्द को अपनी कहानियों में ऐसा उकेरा कि पाठक उनके पात्रों के साथ जीने लगते हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं।
Duration: 23 minutes (00:22:33) Publishing date: 2025-02-06; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

