अनंत मन
Mahesh Sharma
Editora: Publishdrive
Sinopse
यह पुस्तक मन और समाज के गहरे संबंधों की पड़ताल करती है, जहाँ व्यक्ति की सोच न केवल उसकी निजी यात्रा होती है बल्कि सामूहिक चेतना, संस्कार और अनुभवों से भी जुड़ी होती है। यह पाठकों को मानसिक ऊर्जा की समझ, उसके संतुलन, और आंतरिक सीमाओं को पहचानने में मदद करती है। सरल और मानवीय भाषा में लिखी गई यह किताब ध्यान, माइंडफुलनेस और विज़ुअलाइज़ेशन जैसे उपायों को प्रयोगशील जीवन का हिस्सा बनाती है, आदर्श नहीं। इसमें आत्म-संशय, भय और सामाजिक दबाव जैसे मानसिक अवरोधों से पार पाने के व्यावहारिक उपाय दिए गए हैं। पुस्तक यह भी दर्शाती है कि हमारी सोच पर समाज और परिवार का कितना प्रभाव होता है और कैसे हम स्वयं की सोच से समाज को प्रभावित कर सकते हैं। यह केवल एक विचार संग्रह नहीं, बल्कि पाठक के भीतर संवाद और बदलाव को जगाने वाली यात्रा है जो उसे स्वयं से और समाज से जोड़ती है।
