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छिपी हुई इच्छाएँ - cover

छिपी हुई इच्छाएँ

LS Morgan

Translator Maya Mehra

Publisher: Tektime

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Summary

यह पुस्तक केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए उपयुक्त है।

क्लॉस मैक्समिलियन एक जन्मजात दबंग है, वह जानता है कि उसके पास क्या शक्ति है, वह इसे सुख और वासना के जीवन में उपयोग करता है, लेकिन कुछ उसके नियंत्रण से बाहर है, अंदर कुछ टूटा हुआ है, और इसलिए, वह एक मुक्ति अनुभव चाहता है। इस रहस्य उपन्यास और स्पष्ट दृश्यों में सेक्स, दर्द और प्यार यादृच्छिक विषय नहीं हैं। छिपी हुई इच्छाओं और प्रकट सुखों की इस दुनिया में उद्यम करें। ध्यान दें: यह पुस्तक केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए उपयुक्त है।
Available since: 08/18/2023.
Print length: 655 pages.

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    🔸 कहानी का नाम: प्रेरणा  
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    🔸 मुख्य विषय: आत्मबल, संघर्ष, और जीवन में सकारात्मकता  
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    जीवन में आशा और आत्मबल का महत्व  
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    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। प्रेमचंद ने गरीबों, किसानों और मजदूरों के दुःख-दर्द को अपनी कहानियों में ऐसा उकेरा कि पाठक उनके पात्रों के साथ जीने लगते हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं।
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    कलम के जादूगर प्रेमचंद की कहानियाँ आज भी बड़े ही ध्यान और सम्मान के साथ सुनी जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं प्रेमचंद की वो कहानियाँ जो उनके कथा संकलन ‘मान सरोवर’ से ली गई हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ अपने समय की हस्ताक्षर हैं जिनमें आप तब के परिवेश और समाज को भी बखूबी समझ सकते हैं। यूं तो मुंशी जी ने अपनी कहानियाँ हिंदी में ही लिखी हैं फिर भी हमारा ये प्रयास है की उनकी कहानियाँ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचे और इसलिए हमने उन्हें थोड़ी और सरल भाषा में प्रस्तुत किया है। इन कहानियों को ख़ास आपके लिए तैयार किया है। तो आइए सुनते हैं प्रेमचंद की विश्व प्रसिद्ध कहानियाँ!  
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    शराब की दुकान - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - Sharab Ki Dukan - A Story by Munshi Premchand 
    "शराब की दुकान" मुंशी प्रेमचंद की एक बेहतरीन कहानी है जो समाज में शराब के बढ़ते प्रचलन और इसके दुष्प्रभावों को उजागर करती है। यह कहानी समाज के कमजोर वर्गों पर शराब के दुष्प्रभाव और इसकी वजह से होने वाले आर्थिक और नैतिक पतन को दर्शाती है।  
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    🔸 कहानी का नाम: शराब की दुकान  
    🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
    🔸 मुख्य विषय: शराब का प्रभाव और सामाजिक समस्याएं  
    🌟 कहानी के मुख्य बिंदु:  
    शराब की लत और इसका जीवन पर प्रभाव  
    परिवार और समाज पर शराब का दुष्प्रभाव  
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    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया।  
    प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और 'कफन' शामिल हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समाज के निम्न और मध्यम वर्ग की जिंदगी की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक न्याय, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे। प्रेमचंद का साहित्य सरल भाषा, मार्मिक शैली और यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और इसे जनसाधारण के करीब लाया। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका साहित्य आज भी प्रेरणादायक है और हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा है।
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    राज महल - हिंदी ऑडियो स्टोरी

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    ‘राज महल’ 
    एक दहला देने वाली कथा… राजा, रानी और बगावत की।" 
    ........... 
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