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कन्नीविंग पहेली का मामला - cover

कन्नीविंग पहेली का मामला

जॉन हेनरी "डॉक्टर" हॉलिडे

Publisher: John Henry "Doc" Holliday

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Summary

बो "डिडले" हार्ट और उनकी साइड-किक फ़्रेड्रिका जे. फॉक्स निजी जांचकर्ताओं के रूप में अपना दूसरा मामला लेते हैं। क्या काम पर कोई सीरियल चाइल्ड किडनैपर है या इससे भी ज्यादा कुटिल बात है? वे जिन ट्विस्ट और टर्न को उजागर करते हैं, वे न केवल मामले को सुलझाएंगे बल्कि दोनों के लिए जीवन बदलने वाले अनुभव बन जाएंगे। अपनी सीट बेल्ट बांधें और सवारी के लिए तैयार हो जाएं……
 
Available since: 03/01/2022.

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    🔸 कहानी का नाम: इज़्ज़त का खून  
    🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
    🔸 शैली: सामाजिक, नैतिक  
    🔸 मुख्य विषय: नैतिकता, इज़्ज़त, और मानवीय भावनाएँ  
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    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। प्रेमचंद ने गरीबों, किसानों और मजदूरों के दुःख-दर्द को अपनी कहानियों में ऐसा उकेरा कि पाठक उनके पात्रों के साथ जीने लगते हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं।
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    🔸 मुख्य विषय: समाज की नैतिकता और इंसानियत  
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    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया।  
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