कला का इतिहास खंड 3 - पुनर्जागरण कला
एली फॉरे
Narrator निर्मल वर्मा
Publisher: कॉमटैट वेनैसिन प्रकाशन।
Summary
एलि फोर की 'कला का इतिहास' के तीसरे खंड में पुनर्जागरण की सारतत्ता में एक उत्कृष्ट डुबकी लगाई गई है, यह रचनात्मक पुनर्जन्म का युग है जहां कला मध्ययुग को पार करके व्यक्तिवाद और मानवतावाद को अपनाती है। फ्लोरेंस, रोम और वेनिस जैसे इतालवी केंद्रों की जीवंत विश्लेषण के माध्यम से, लेखक माइकलएंजेलो, लियोनार्डो दा विंची, राफेल और टिशियन जैसे दिग्गजों द्वारा लाई गई सौंदर्यिक क्रांतियों को उजागर करते हैं। वे चित्रकला, मूर्तिकला और वास्तुकला के विकास की खोज करते हैं, जो छापेखाने जैसी खोजों और तीव्र दार्शनिक बहसों से प्रभावित हैं। फोर इतालिया को यूरोप के उत्तर से चतुराई से जोड़ते हैं, फ्लेमिश, फ्रेंच और जर्मन स्कूलों का विश्लेषण करते हैं तथा उनके दक्षिण के साथ उपजाऊ आदान-प्रदान। गोथिक रहस्यवाद और पुनर्जागरण कामुकता के बीच विपरीतताएं उभरती हैं, जो रूप, रंग और आत्मा के बीच सामंजस्य की खोज में एक कला को प्रकट करती हैं। रोमांचक और विद्वत्तापूर्ण, यह खंड इस समृद्ध अवधि को पुनःखोजने की इच्छा जगाता है, आधुनिकता की ओर एक पुल। कला और इतिहास के शौकीनों के लिए आदर्श, पढ़ने या सुनने में, यह आत्मा और कल्पना को जगाता है।
Duration: about 7 hours (07:17:52) Publishing date: 2025-11-19; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

