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पल्लव प्रेम के - cover
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पल्लव प्रेम के

Surjeet Kumar

Editora: Surjeet Kumar

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Sinopse

प्रेम वो शाश्वत विषय है जिसे, जितना पढ़ा जाए, जितना लिखा जाए, जितना समझा जाए, जितना समझाया जाए, जितना जाना जाए, कम ही लगता है। इसे किसी ने कच्चा धागा कहा, तो किसी ने मजबूत डोर, किसी ने प्रेम को ईश्वर कहा, तो किसी ने अल्लाह का रूप, कोई इसे अपने प्रेमी मे देखता है, तो कोई स्वयं के भीतर। कहा जाता है, "प्रेम को जानने के लिए प्यार मे पड़ना जरूरी है।" मेरे विचार में प्रेम उस पवित्र पल्लव की तरह है, जो जीवन रूपी कलश के मस्तक पर सदैव शोभायमान रहता है। प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से प्रेम के अलग-अलग रूपों, चरणों और रोमांच को कविताओं मे समेत कर आप तक पहुँचने का प्रयास कर रहा हूँ।
Disponível desde: 02/06/2022.
Comprimento de impressão: 42 páginas.

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