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Vijay Tendulkar
देश के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मराठी लेखक विजय तेंदुलकर का यह नाटक भारत के महानतम आधुनिक नाटकों में से एक माना जाता है और पिछले कई दशकों में इसकी प्रस्तुतियाँ देश की अलग अलग भाषाओं में हुई हैं. सत्तर के दशक के पहले प्रदर्शन से अब तक इस नाटक की लोकप्रियता और प्रासंगिकता कभी कम नहीं हुई है. स्टोरीटेल की थिएटर सीरीज़ में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और यूनिकॉर्न एक्टर्स स्टूडियो के वाचिक अभिनय से सजी यह प्रस्तुति इसका पहला ऑडियो मंचन है.इसका निर्देशन प्रसिद्ध अभिनेत्री गौरी देवल ने किया है. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध रंगकर्मी टीकम जोशी इसमें एक प्रमुख भूमिका है.
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Girish Karnad
देश के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कन्नड़ लेखक गिरीश क़र्नाड़ का यह नाटक भारत के महानतम आधुनिक नाटकों में से एक माना जाता है और पिछले कई दशकों में इसकी प्रस्तुतियाँ देश की अलग अलग भाषाओं में हुई हैं. अब्राहम अलकाजी के प्रसिद्ध प्रोडक्शन से अब तक इस नाटक की लोकप्रियता और प्रासंगिकता कभी कम नहीं हुई है. दिल्ली के मशहूर 'क्षितिज थियेटर ग्रुप' के कलाकारों के वाचिक अभिनय से सजी स्टोरीटेल थियेटर सिरीज़ की ये पेशकश, इस नाटक का पहला ऑडियो मंचन है। इसका निर्देशन प्रसिद्ध थिएटर आर्टिस्ट भारती शर्मा ने किया है.
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Pratinidhi Kavitayein: Parveen...
Parveen Shakir
पाकिस्तान की नयी उर्दू शायरी में परवीन शाकिर की गणना प्रेम की नाजुक मूर्ति के रूप में होती हैं. परवीन का प्रेम अपने अद्वितीय अंदाज में 'नर्म सुखन' बनकर फूटा है और अपनी 'खुशबू' से उसने उर्दू शायरी की दुनिया को सराबोर कर दिया है. पाकिस्तान की ही प्रसिद्ध कवयित्राी फहमीदा रियाज के अनुसार, 'परवीन के शेरों में लोकगीतों की सी सादगी और लय भी है और क्लासिकी मौसीकी की नफ़ासत और नज़ाकत भी. उसकी नज्में और ग़ज़लें भोलेपन और सॉफिस्टिकेशन का दिलआवेज़ संगम हैं. परवीर शाकिर की शायरी का केन्द्रीय विषय 'स्त्राी' है. प्रेम में टूटी हुई, बिखरी हुई-खुद्दार स्त्राी. लेकिन उनकी शायरी की यह कोई सीमा नहीं है. वस्तुतः परवीन की शायरी प्रेम की एक ऐसी लोरी है जो अपने मद्धिम-मद्धिम सुरों से सोते हुओं को जगाने का काम करती है. परवीन की शायरी में रूमानियत भी है और गहरी ऐंद्रिकता भी, पर कहीं भी ऐसा नहीं लगता कि सामने की दुनिया सिर्फ एक सपना है. अपनी सूक्ष्म यथार्थपरकता के कारण ही मुख्य रूप से 'स्त्राी' और 'प्रेम' को आधार बनाकर लिखी गई ये कविताएँ अनुभूति के व्यापक द्वार खोलती हैं.
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