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Gumnaam Veshyavritti - cover
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Gumnaam Veshyavritti

Sneha Singh

Narrador Brijesh Namdev

Editora: Buckaudio

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Sinopse

क्या हमने कभी सोचा है कि एक आम सी दिखने वाली लड़की इस दलदल में कैसे उतर जाती है? 
क्या यह उसकी चाहत होती है — या हमारी व्यवस्था की नाकामी? 
“।। गुमनाम ।।” एक विचारोत्तेजक लेख है जो भारतीय समाज के उस स्याह हिस्से को उजागर करता है, जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं — वेश्यावृत्ति। 
इस रचना में लेखिका स्नेहा सिंह ने इतिहास, समाज और कानून — तीनों दृष्टिकोणों से वेश्यावृत्ति की जड़ों को तलाशा है। 
मेसोपोटामिया की सभ्यता से लेकर भारत के सोनागाछी और कमाठीपुरा तक, यह लेख दिखाता है कि देह व्यापार केवल पेशा नहीं, बल्कि परिस्थितियों की उपज है। 
लेख समाज से सवाल करता है — 
“जब ताली एक हाथ से नहीं बजती, तो दोष सिर्फ़ औरत का क्यों?” 
यह लेख केवल आँकड़े नहीं, बल्कि एक सोच है — 
एक कोशिश यह समझने की कि मजबूरी और नैतिकता के बीच की रेखा कितनी पतली है। 
“।। गुमनाम ।।” हर उस पाठक के लिए है जो समाज के आईने में झाँकने की हिम्मत रखता है। 
यह सिर्फ़ वेश्यावृत्ति पर नहीं, बल्कि मानवता की परिभाषा पर लिखा गया एक गहरा चिंतन है।
Duração: 12 minutos (00:12:09)
Data de publicação: 06/10/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —