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45 Rupye Mahine - Malgudi Days by R K Narayan - 45 रूपए महीने - मालगुडी डेज़ आर के नारायण - cover
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45 Rupye Mahine - Malgudi Days by R K Narayan - 45 रूपए महीने - मालगुडी डेज़ आर के नारायण

R. R.K.Narayan

Narrador R. R.K.Narayan

Editorial: LOTUS PUBLICATION

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Sinopsis

45 Rupye Mahine - Malgudi Days by R. K. Narayan - 45 रूपए महीने - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण 
"कभी-कभी अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने में आप उनकी खुशियों पर ध्यान देना भूल जाते हैं। कुछ ऐसा ही शांता के पिताजी वेंकटराव के साथ भी हो रहा था। शांता पिछले कई दिनों से अपने पिताजी के दिए हुए समय पर उनके साथ बाहर घूमने जाने के लिए तैयार हो जाती हैं लेकिन, वेंकटराव को हर बार उसका मैनेजर उसे ज़्यादा काम देकर रोक लेता है, जिस कारण वे शांता को बाहर नहीं ले जा पाता था। शांता बहुत दुखी हो जाती है। ऐसे में अपनी बच्ची को दिया वादा लगातार पूरा ना कर पाने के कारण वेंकटराव मैनेजर से बात करने जाता है।लेखक आर. के. नारायण 
“मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।
Duración: 13 minutos (00:13:17)
Fecha de publicación: 05/03/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —