पवित्र क़ुरआन: अल्लाह का अंतिम संदेश
प्रीति सिंह
Narrador Pray to the Lord
Editorial: Faith Publishing
Sinopsis
पवित्र क़ुरआन: अल्लाह का अंतिम संदेश पवित्र क़ुरआन इस्लाम धर्म की केंद्रीय पवित्र पुस्तक है, जिसे मुसलमान अल्लाह का अंतिम और अमर वचन मानते हैं। मुस्लिम विश्वास के अनुसार, इसकी आयतों (आयत) की रेवड़ी फ़रिश्ते जिब्रईल (अलैहिस्सलाम) के द्वारा अल्लाह के अंतिम पैग़ंबर, हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर लगभग 23 वर्षों की अवधि में उतारी गई। यह मानवजाति के लिए मार्गदर्शन और दया के रूप में भेजा गया था। यह 114 अध्यायों (सूरह) में विभाजित है, जो आयतों से मिलकर बने हैं। इसे लंबे से छोटे अध्यायों के क्रम में व्यवस्थित किया गया है, जिसमें सबसे लंबा अध्याय 'सूरह अल-बक़रह' है। क़ुरआन अपने अद्वितीय साहित्यिक रूप, गहराई और लय के लिए जाना जाता है, जिसे एक चमत्कार माना जाता है। क़ुरआन का केंद्रीय संदेश **तौहीद** है - यानी एक अल्लाह की पूजा और उसकी एकतावादिता में विश्वास। यह नैतिकता, सामाजिक न्याय और दया पर ज़ोर देता है और मनुष्यों को बुराई से बचने का मार्गदर्शन देता है। इसमें पिछले पैग़ंबरों जैसे इब्राहीम, मूसा और ईसा (उन पर शांति हो) के इतिहास का वर्णन है, ताकि लोग उनसे सबक ले सकें। मुसलमानों के लिए, क़ुरआन केवल पढ़ने की किताब नहीं है, बल्कि जीवन का एक जीवित मार्गदर्शक (हिदायत) है। इसकी बातों को दुनिया भर के लाखों लोगों ने कंठस्थ (हाफ़िज़) किया हुआ है, जिससे इसकी मूल भावना सुरक्षित रही है। यह दुनिया की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली और सम्मानित पुस्तकों में से एक है तथा मुसलमानों के लिए जीवन का आधार है।
Duración: alrededor de 23 horas (23:11:22) Fecha de publicación: 11/10/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

