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पछतावा - मुंशी प्रेमचंद - Pachhatava - Munshi Premchand - cover
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पछतावा - मुंशी प्रेमचंद - Pachhatava - Munshi Premchand

मुंशी प्रेमचंद

Narrador मुंशी प्रेमचंद

Editora: LOTUS PUBLICATION

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Sinopse

पछतावा - मुंशी प्रेमचंद | Pachhatava - Munshi Premchand 
सत्य व धर्म पर चलने वाले व्यक्ति को उसका क्या प्रतिफल मिलता है। प्रेमचंद की कहानियाँ हमारे आस पास के समाज की भी कहानी है।कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंद 
कलम के जादूगर प्रेमचंद की कहानियाँ आज भी बड़े ही ध्यान और सम्मान के साथ सुनी जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं प्रेमचंद की वो कहानियाँ जो उनके कथा संकलन ‘मान सरोवर’ से ली गई हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ अपने समय की हस्ताक्षर हैं जिनमें आप तब के परिवेश और समाज को भी बखूबी समझ सकते हैं। यूं तो मुंशी जी ने अपनी कहानियाँ हिंदी में ही लिखी हैं फिर भी हमारा ये प्रयास है की उनकी कहानियाँ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचे और इसलिए हमने उन्हें थोड़ी और सरल भाषा में प्रस्तुत किया है। इन कहानियों को ख़ास आपके लिए तैयार किया है। तो आइए सुनते हैं प्रेमचंद की विश्व प्रसिद्ध कहानियाँ! 
Duração: 36 minutos (00:35:44)
Data de publicação: 15/01/2022; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —