Kitni Zameen - A Story by Munshi Premchand - कितनी जमीन - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Munshi Premchand
Narrador Munshi Premchand
Editora: LOTUS PUBLICATION
Sinopse
कितनी जमीन - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - Kitni Zameen - A Story by Munshi Premchand "कितनी जमीन" मुंशी प्रेमचंद की एक गहरी सोच वाली कहानी है, जो लालच, मानवीय इच्छाओं, और संतोष के महत्व पर आधारित है। यह कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि जीवन में वास्तव में हमारी ज़रूरतें कितनी हैं और इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता। यह कहानी आपको आत्मनिरीक्षण करने और जीवन के असली अर्थ को समझने की प्रेरणा देगी। 🔸 कहानी का नाम: कितनी जमीन 🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद 🔸 विषय: लालच, संतोष, और मानव स्वभाव 🌟 कहानी के मुख्य बिंदु: लालच और इच्छाओं का प्रभाव सीमित संसाधनों का महत्व जीवन में संतोष का मूल्य मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया। प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और 'कफन' शामिल हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समाज के निम्न और मध्यम वर्ग की जिंदगी की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक न्याय, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे। प्रेमचंद का साहित्य सरल भाषा, मार्मिक शैली और यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और इसे जनसाधारण के करीब लाया। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका साहित्य आज भी प्रेरणादायक है और हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा है।
Duração: 38 minutos (00:38:26) Data de publicação: 07/02/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

