Ret Ki Ikk Mutthi
Gurdayal Singh
Narrador Mayur Vyas
Editorial: Storyside IN
Sinopsis
एक ऐसे आदमी की संघर्ष कथा जो अपने जीवन की आपाधापी एवं ऊहापोह की मानसिकता के कारण जीवन की अमूल्य उपलब्धियों को नकारते हुए उस बीहड़ में सब कुछ खो देता है जो केवल मनुष्य को प्राप्त है, मगर जिन्दगी उसकी मुट्ठी की रेत की तरह खिसकती चली जाती है। पंजाबी से हिन्दी में अनूदित।
Duración: alrededor de 5 horas (04:55:31) Fecha de publicación: 30/06/2020; Unabridged; Copyright Year: 2020. Copyright Statment: —