मुल्ला जी का गधा - Fun Story
Dharmendra Mishra
Narrador Ruhi
Editora: Dharmendra Mishra
Sinopse
मुल्ला और गच्चू: मालिक कौन? "एक दिन मुल्ला जी सुबह-सुबह गच्चू पर ढ़ेर सारी सब्जियां लाद कर जैसे ही खुद लदने को हुए, गच्चू, मुल्ला जी को टोंकते हुए - मुल्ला जी मेरी तबियत आज ठीक नहीं लग रही, आज आप पैदल ही चलें। मुल्ला जी को बड़ा क्रोध आया, मेरा गधा मुझे ही आदेश दे रहा है, पिछवाड़े डंडे से चपत लगाते हुए -मालिक तू है कि मैं जो कहूं चुप चाप वही किया कर। कहते हुए पीठ पे चढ़ गये। रस्ते भर गच्चू, मन ही मन मुल्ला जी को बद्दुआ देता रहा, या अल्लाह ऐसा मालिक किसी को न दे। मुल्ला जी मंडी, पहुँचते ही, गच्चू को पुचकारते हुए - आज जो भी सब्जियां बचेंगी तुझे खाने को दूंगा। गच्चू, मन ही मन दुआ पढ़ने लगा - या अल्लाह आज इसकी सब्जियां न बिके सारी सब्जियां मुझे खाने को मिल जाए । जैसे ही कोई ग्राहक सब्जी लेने आता, दुआ करने लगता - या अल्लाह ये बिना सब्जी लिए ही लौट जाये, इसका मोल न पटे। जैसे ही कोई ग्राहक सब्जी लेकर चला जाता, गच्चू उदास हो जाता। ऐसा करते करते दोपहर तक मुल्ला जी कि सारी सब्जियां बिक गई, थोड़ी बहुत सड़ी-गली सब्जियां ही बची। मुल्ला जी, उन सब्जियों को गच्चू कि तरफ बढ़ाते हुए - ले खा ले। गच्चू, अपनी नाक भौह सिकोड़ते हुए - ये सड़ी सब्जियां मैं न खाऊंगा, मेरा पेट ख़राब हो जाएगा। मुल्ला जी, पीछे से चपत लगाते हुए - तो तुझे ताज़ी सब्जियां खिलाऊँ? गच्चू, चिढ़ते हुए - बड़े बेरहम हो मुल्ला, अल्लाह का खौफ खाओ। मुल्ला जी, पुचकारते हुए - चल घर पहुँचते ही तुझे चने के दाने खिलाऊंगा। गच्चू को लगा मुल्ला जी सच बोल रहे हैं, चने के लालच में मुल्ला जी को पीठ पे बिठा कर जल्दी जल्दी फलांग भरते हुए घर पहुंचा दिया। घर पहुँच कर मुल्ला जी, गच्चू पर गुस्सा करते हुए - काम चोर कहीं का, आज से पहले तो तूने कभी इतनी जल्दी न पहुँचाया, पिछवाड़े एक चपत लगाते हुए - कल से ऐसे ही चलना।
Duração: 7 minutos (00:07:25) Data de publicação: 15/10/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

