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मिल के पराये थे दो हम साये थे - cover
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मिल के पराये थे दो हम साये थे

Ashish Jain

Narrador RJ Sonam

Editorial: BuCAudio Publications

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Sinopsis

ये कहानी निःस्वार्थ प्रेम के शुद्ध रूप को प्रतिनिधित्व करती है इस कहानी के प्रमुख किरदारों की ये दास्ताँ एक ऐसी प्रेम कथा है, जहाँ वे एक दूसरे के होते हुए भी कभी एक न हो सके ये कहानी एक से ज्यादा प्रेम की दस्तानों को समेटे हुए है जहाँ एक तरफ कहानी के मुख्य पात्र, बिना एक दुसरे से मिले ही, अपना मन एक दुसरे पे हार बैठे कैसे सिलसिले बने, और उनके प्रेम की परिणति क्या हुई वहीं दूसरी ओर प्रेम का दूसरा स्वरुप दिखाया गया है, जहाँ अलगाव के दिनों में मुख्य पात्र को निश्छल प्रेम के द्वारा कैसे संबल प्रदान किया गया यह कहानी मानवीय संवेदनाओं को अच्छी तरह परिभाषित करती है कहानी के तीनों किरदार आकाश, अवनि और सखी के मध्यम से, प्रेम के बिभिन्न रूपों को सामने रखकर ये कहने की कोशिश की गयी है कि, प्रेम अगर बिखर भी जाए तो वह प्रेम ही रहता है
Duración: alrededor de 4 horas (03:50:57)
Fecha de publicación: 09/09/2023; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —