Punarjanam ka Ahsas aur Peeda
Aruna Sharma
Narrador Neha Vishwakarma
Editora: BuCAudio
Sinopse
यह कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है जिसमें एक नारी को उसकी अपनी ही माता द्वारा दुःख मिलता है क्योंकि उसकी माता का मानना है कि उसका पुनर्जन्म हुआ है. उसकी मरी हुई बड़ी बहन ही उसके यहां बेटी के रूप में जन्मी है. उसके पति को छीनने की चेष्टा कर रही है. माता का यही एहसास जीवन भर रहता है और वह उसे कभी अपनी बेटी नहीं मान पाती है. एक बेटी अपनी माँ के जिंदा रहते प्यार को तरस जाती है, मरते दम तक. पर अपनी माँ की नफरत को नहीं मिटा पाती. जिंदगी भर दुश्वारियों में जीती रहती है पर उसके माता-पिता या समाज का कोई भी पक्ष उसकी सुध नहीं लेता. यह पुस्तक हमें समाज के उस क्रूर हिस्से को दर्शाती है जिसमें खून के रिश्ते केवल एक मनहूसियत के एहसास से ही खत्म हो जाते हैं. गुड़िया के साथ जो हुआ वह लेखिका ने प्रत्यक्ष अनुभव किया है. लेखिका ने उस दर्द को महसूस किया और उस दर्द को अपने शब्दों में पिरोने की चेष्टा की है. ये कहानी हमे समाज के विभत्स रूप व माँ के द्वारा बेटी के साथ किये गए घृणित व्यवहार को दिखाती है
Duração: aproximadamente 2 horas (01:40:34) Data de publicação: 15/05/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

