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अभयारण्य - रक्तबंधन श्रंखला किताब 9 - cover

अभयारण्य - रक्तबंधन श्रंखला किताब 9

Amy Blankenship, RK Melton

Editorial: Tektime

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Sinopsis

माइकल वह था, जिससे सब यही उम्मीद करते थे कि वह सबसे खतरनाक हालात में भी शांत बना रहेगा....लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हो गया कि शांत लोगों पर भी नज़र रखनी पड़ती है। जब वह एक लड़की पर आसक्त हो जाता है, जो उसके जुनून को बढ़ा कर, इससे पहले कि वह उसके बारे में अधिक कुछ जान पाता, गायब हो जाती है तो उसकी शक्तियाँ और क्रोध के बगूले नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं। उसके बारे में जितना वह जान पाता है, उसकी आसक्ति एक लत में बदलती चली जाती है। अरोरा अपनी मर्ज़ी के खिलाफ सैमुएल से बंधी हुई थी, जो एक प्राचीन और शक्तिशाली दानव था, जो अब भी उसकी हर हरकत पर नज़र रखता था। अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए उसे अधिकार जताने वाले दानव से एक कदम आगे रहना पड़ेगा। जब वह खुद को अपने प्रेमी की नीलम सी आंखों में डूबा हुआ पाती है, तो उसे जल्दी ही पता चल जाता है कि इस अजनबी के लिए उसका जुनून सैमुअल को सीधे उसके और उस आदमी के पास ले जा रहा है जिस की वह रक्षा करना चाहती है। सैमुअल औरोरा को खुद से बांधे रखने के लिए कुछ भी करने की प्रतिज्ञा करता है। अरोरा को आज्ञाकारिता पर मजबूर करने की धुन में, वह अनजाने में शक्ति की एक ऐसी आग को भड़का देता है जिसके बुझने की कोई उम्मीद नहीं है... एक सूर्य भगवान का सच्चा रोष।PUBLISHER: TEKTIME
Disponible desde: 28/03/2023.

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    मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास 'निर्मला' भारतीय समाज की रूढ़ियों, दहेज प्रथा, और नारी जीवन के संघर्ष का अमूल्य दस्तावेज है। इस उपन्यास में निर्मला की जीवन यात्रा और भी पेचीदा हो जाती है, जहां परिवार के भीतर के जटिल संबंध और सामाजिक बाधाएं उसकी स्थिति को और अधिक संवेदनशील बनाती हैं। 
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    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं।
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