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आत रात शेर सोता है - एक छोटी कहानी - काल्पनिक ऐतिहासिक विलुप्त जानवर छोटी कहानी - cover

आत रात शेर सोता है - एक छोटी कहानी - काल्पनिक ऐतिहासिक विलुप्त जानवर छोटी कहानी

T. M. Bilderback

Verlag: Sardis County Sentinel Press

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Beschreibung

कर्नल क्वेंटिन जेम्स एबरनेथी (सेवानिवृत्त) से मिलें, महामहिम के सशस्त्र बलों के पूर्व सदस्य। 


कर्नल एबरनेथी कुछ साल पहले एक कुंवारे के रूप में सेवानिवृत्त हुए, और अब अपनी पेंशन और अपने परिवार के भाग्य पर निर्भर हैं। वह काफी बूढ़ा है, और लंदन के एक आलीशान सज्जन क्लब से ताल्लुक रखता है। 


"द लायन स्लीप्स टुनाइट" में, कर्नल एबरनेथी क्लब के एक परिचित को एक कहानी सुनाता है - दक्षिण अमेरिका में 1950 के दशक के ब्रिटिश गुयाना की कहानी, और एक शेर के साथ कर्नल की मुठभेड़। 


लेकिन यह कोई साधारण शेर नहीं है। 


10,000 साल से विलुप्त है ये शेर! 


अच्छे कर्नल के अपने शब्दों में, टी. एम. बिलडरबैक की उत्साही साहसिक लघु कहानी, "द लायन स्लीप्स टुनाईट" में पता करें कि उस पुराने समय में क्या हुआ था!
Verfügbar seit: 06.01.2023.
Drucklänge: 54 Seiten.

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    Sarp Raag - Malgudi Days by R. K. Narayan – सर्प राग - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण 
    "Sarp Raag" is a gripping tale from R. K. Narayan’s Malgudi Days, where a once-promising flutist shares his haunting past. After disrespecting a saint who interrupted his musical practice, he is cursed to lose his talent forever. This Hindi audiobook unfolds themes of arrogance, divine wrath, and the fragility of artistic ego — told with a blend of mysticism and emotion that defines Malgudi's storytelling charm. 
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    45 Rupye Mahine - Malgudi Days by R. K. Narayan - 45 रूपए महीने - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण 
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    “मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।
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  • Andha Kutta - Malgudi Days by R K Narayan - अंधा कुत्ता - मालगुडी डेज़ आर के नारायण - cover

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    Andha Kutta - Malgudi Days by R. K. Narayan - अंधा कुत्ता - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण  
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    “ मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।"
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    कवच - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Kavach - Munshi Premchand Ki Kahani 
    मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'कवच' एक प्रेरक और मार्मिक रचना है, जो आत्म-सुरक्षा, आत्मबल और सच्चाई के महत्व को उजागर करती है। इस कहानी में जीवन के संघर्षों और कठिनाइयों से बचने के लिए आत्मविश्वास और निडरता को कवच के रूप में प्रस्तुत किया गया है। 'कवच' के माध्यम से प्रेमचंद ने यह संदेश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में सत्य और आत्मबल ही हमारा असली कवच होता है। यह कहानी आपकी सोच को प्रेरित करेगी और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करेगी।  
    🔸 कहानी का नाम: कवच  
    🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
    🔸 शैली: प्रेरणादायक, यथार्थवादी  
    🔸 मुख्य विषय: आत्मबल, सत्य, और संघर्ष  
    🔸 मुख्य पात्र: जीवन के संघर्ष में डटे व्यक्ति  
    🌟 कहानी के मुख्य बिंदु:  
    आत्मबल और सत्य की शक्ति  
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    मुंशी प्रेमचंद की गहन और प्रेरणादायक लेखनी  
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    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। प्रेमचंद ने गरीबों, किसानों और मजदूरों के दुःख-दर्द को अपनी कहानियों में ऐसा उकेरा कि पाठक उनके पात्रों के साथ जीने लगते हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं।
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