Sachche Sadhak Ke Liye Ek Antarang Varta
Sri Ravi Shankar
Publisher: Aslan eReads
Summary
प्रत्येक सप्ताह “गुरुदेव” के ज्ञान-पत्रों का उदय एक स्मरणीय अनुभव है। हर बुधवार कुछ भक्तजन गुरुजी के साथ बैठते हैं। चारों और एक मनोहर और आत्मीय वातावरण रहता है, चाहे गुरुजी संसार के किसी भी भाग में हों- लन्दन, जर्मनी, मॉन्ट्रीयल, लॉस ऐन्जेलेस, सिडनी, बैंगलोर या ऋषिकेश....। किसी भी प्राकृतिक मनोरम स्थान पर बैठ श्रद्धालु इस अंतरंग वार्ता का भरपूर आनन्द लेते हैं।उपस्थित जन बैठे हैं चकित और किकसितसन्तुष्ट पर उत्सुकउस महाप्रकाश के आलोक से आलोकित हो, उस दिव्य प्रकाश को निहारते हुए.....हँसी, सरलता और ज्ञान - ऐसे उत्सवपूर्ण, खुशहाल और पावन वातावरण में साप्ताहिक ज्ञान पत्र का उदय होता है।सत्य एक है, ईश्वर एक है, एक ही विराट मन है जिसमें हम सब जुड़े हैं। समस्त संसार एक अखण्ड जीवन बनकर गुरुजी के चैतन्य में समाया है।संसार भर में अधिकांश व्यक्ति कहते हैं कि ज्ञान-पत्र का विषय वही था जिसपर वे सुनना चाहते थे, या जो उनपर घट रहा था। कई महसूस करते हैं कि गुरुजी ने मानो इसे मेरे लिए ही भेजा है।हर गुरुवार साप्ताहिक ज्ञान-पत्र फैक्स तथा ई-मेल के द्वारा ६ महादेशों में फेले १५५ से भी अधिक देशों की सत्संग मण्डलियों को भेजे जाते हैं। यह कोई पुस्तकों से लिए गये सिद्धान्त या कोई दार्शनिक ज्ञान की व्याख्या नहीं हैं। ये ज्ञान-पत्र सच्चे साधक के लिए गुरु के अंतरंग अनमोल वचन हैं।
