Rejoignez-nous pour un voyage dans le monde des livres!
Ajouter ce livre à l'électronique
Grey
Ecrivez un nouveau commentaire Default profile 50px
Grey
Abonnez-vous pour lire le livre complet ou lisez les premières pages gratuitement!
All characters reduced
मुझे डैडी से प्यार है - cover

मुझे डैडी से प्यार है

Shelley Admont, KidKiddos Books

Maison d'édition: KidKiddos Books

  • 0
  • 0
  • 0

Synopsis

छोटा खरगोश जिम्मी अपने बड़े भाइयों की तरह साइकिल चलाना नहीं जानता था। इसके लिए कई बार उसे चिढ़ाया भी जाता था। लेकिन जब डैडी ने उसे बताया कि कोई भी नई चीज़ सीखते समय बिल्कुल भी डरना नहीं चाहिए, वहीं से कहानी का असली मज़ा शुरू होता है।
बच्चों की यह किताब सोने के समय पढ़ी जाने वाली लघु कहानियों के संग्रह का एक हिस्सा है।
यह कहानी सोने के समय आपके बच्चों के पढ़ने के लिए आदर्श है और यहां तक कि पूरे परिवार के लिए भी काफी रोचक है!
Disponible depuis: 20/01/2023.
Longueur d'impression: 34 pages.

D'autres livres qui pourraient vous intéresser

  • त्यागी का प्रेम - मुंशी प्रेमचंद की कहानी - Tyagi Ka Prem - Munshi Premchand Ki Kahani - cover

    त्यागी का प्रेम - मुंशी प्रेमचंद...

    Munshi Premchand

    • 0
    • 0
    • 0
    त्यागी का प्रेम - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Tyagi Ka Prem - Munshi Premchand Ki Kahani 
    मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'त्यागी का प्रेम' सच्चे प्रेम, त्याग और समर्पण की भावना को बेहद संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत करती है। यह कहानी उस निस्वार्थ प्रेम की है, जिसमें अपना सबकुछ समर्पित कर देने का साहस और बलिदान शामिल है। 'त्यागी का प्रेम' के माध्यम से प्रेमचंद यह संदेश देते हैं कि प्रेम केवल पाने का नाम नहीं है, बल्कि उसमें त्याग और दूसरों की खुशी के लिए बलिदान करने की ताकत भी होनी चाहिए।  
    🔸 कहानी का नाम: त्यागी का प्रेम  
    🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
    🔸 शैली: भावनात्मक, प्रेरणादायक  
    🔸 मुख्य विषय: निस्वार्थ प्रेम, त्याग और समर्पण  
    🔸 मुख्य पात्र: त्यागी प्रेमी और उसके जीवन की परिस्थितियाँ  
    🌟 कहानी के मुख्य बिंदु: प्रेम का सच्चा अर्थ निस्वार्थता और त्याग का महत्व प्रेमचंद की गहन और मार्मिक लेखनी मानव भावनाओं की सजीव प्रस्तुति 
      
    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। प्रेमचंद ने गरीबों, किसानों और मजदूरों के दुःख-दर्द को अपनी कहानियों में ऐसा उकेरा कि पाठक उनके पात्रों के साथ जीने लगते हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं।
    Voir livre
  • आखिर गलती किसकी - cover

    आखिर गलती किसकी

    प्रीति सिंह

    • 0
    • 0
    • 0
    आखिर गलती किसकी कहानी है एक ऐसे परिवार की जहां सीमा और उसका पति सौरभ रिश्तों को निभाने की पूरी ईमानदारी से कोशिश करते हैं। इसके उपरांत भी एक छोटी सी बात, पूरे परिवार को संकट में डाल देती है। अनजाने में हुई एक गलती का खामियाजा निशा को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। निशा ने मरने से पहले आखिर उस पत्र में ऐसा क्या लिखा था जिसे पढ़कर सौरभ ने खुद को उसकी मौत का जिम्मेदार मानते हुए ऐसा कदम उठा लिया जिससे सीमा और सौरभ के परिवार वालों के साथ-साथ वहां उपस्थित सभी लोग स्तब्ध रह जाते हैं। कैसे एक छोटी सी गलती के कारण हंसता खेलता परिवार पूरी तरह टूट कर बिखर जाता है। अब उस नन्हे से मासूम बच्चे का क्या होगा जिसे निशा जन्म देते ही मृत्यु को प्राप्त हो जाती है। सीमा के परिवार में घटी इस घटना के पीछे क्या कारण था? आखिर इसमें गलती किसकी थी ? कहीं ऐसी कोई घटना हमारे आसपास या खुद हमारे परिवार में तो नहीं घटने वाली है? क्योंकि यह सिर्फ कहानी नहीं आज की सच्चाई भी है इन सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए आई सुनते हैं बुक ऑडियो पर आखिर गलती किसकी ये कहानी संग्रह अमेजॉन एवं फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है।
    Voir livre
  • कागभुशुंडी: मृत्यु रहस्य और अमरत्व की गूढ़ कथा | भाग-1 - Mythology - cover

    कागभुशुंडी: मृत्यु रहस्य और...

    Dharmendra Mishra

    • 0
    • 0
    • 0
    "क्या कोई मृत्यु को परास्त कर सकता है? क्या ज्ञान और तपस्या से विधि के विधान बदले जा सकते हैं? यह कथा है उस ऋषि की, जिसे श्राप तो मिला, परंतु उसका अंत नहीं हुआ।" 
    "कागभुशुंडी – वह रहस्यमयी ऋषि, जिसने त्रेता युग में राम का दर्शन किया और कलियुग तक अमर रहकर सृष्टि का हर रहस्य जाना। वह एक साधारण ऋषि नहीं, बल्कि समय और मृत्यु को चुनौती देने वाला योद्धा था। 
    "भाग-1 में जानिए, कैसे एक जिज्ञासु ऋषि का जीवन अचानक बदल गया। कैसे उसके अंदर की शक्ति ने देवताओं और दैत्यों को भी हैरान कर दिया। क्या कागभुशुंडी सच में अमर थे? या यह केवल एक श्राप का प्रभाव था?" 
    "इस रहस्यमयी यात्रा में शामिल हों और जानें, क्या वास्तव में मृत्यु से परे कोई रहस्य है?"
    Voir livre
  • संकल्प - cover

    संकल्प

    रवि रंजन गोस्वामी

    • 0
    • 0
    • 0
    रवि रंजन गोस्वामी का लघु उपन्यास संकल्प
    Voir livre
  • ध्यान की विधि - cover

    ध्यान की विधि

    जॉन रूथन

    • 0
    • 0
    • 0
    असाधारण स्पष्टता वाला एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक, जॉन रूथन की द मेथड ऑफ मेडिटेशन एक सरल लेकिन मांग वाली राह को प्रकट करता है जो जीवंत आंतरिक प्रार्थना की ओर ले जाती है, जो पवित्र आत्मा के अभिषेक और सही ढंग से व्यवस्थित इच्छाशक्ति की शक्ति से पोषित होती है। यह कार्य एक पूर्ण शिक्षाशास्त्र प्रस्तुत करता है: हृदय को तैयार करें (अहंकार, विक्षेप और लगाव को दूर करके) और स्वयं को विनम्रता, सतर्कता और आत्म-नियंत्रण के माध्यम से तैयार करें; फिर ठोस “प्रारंभिक अभ्यासों” के साथ प्रार्थना में प्रवेश करें, स्मृति, बुद्धि और इच्छाशक्ति का उपयोग करते हुए; अंत में, समाप्त करें और समीक्षा करें ताकि हर प्रकाश स्थायी संकल्प बन जाए। रूथन सट्टेबाजी से प्रार्थना में संक्रमण की कला सिखाते हैं: वास्तविक भावनाओं को जगाना, वर्तमान स्थिति के अनुकूल व्यावहारिक निर्णय बनाना, ठोस प्रेरणाओं पर आधारित और अनुग्रह द्वारा समर्थित। एक गहन रूप से सन्निहित विधि (सरल प्रश्न, सटीक जांच, सावधानीपूर्वक पुनरावृत्ति) के माध्यम से, यह क्लासिक जीवन को व्यवस्थित करने, गुणों को मजबूत करने और शांति में दृढ़ रहने में मदद करता है। संयम से पढ़ने पर, यह ऑडियोबुक गहरी प्रार्थना और एकीकृत जीवन की तलाश करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए दैनिक साथी बन जाती है।
    Voir livre
  • Kabhi Apne Liye - cover

    Kabhi Apne Liye

    पूनम अहमद

    • 0
    • 0
    • 0
    मुझे बचपन से आज तक एक ही शौक रहा है पढ़ना और बस पढ़ना, पढ़ते-पढ़ते ही कब लिखने भी लगी, पता ही नहीं चला। लिखने का सिलसिला शुरू होते ही आसपास के पात्र ही मेरे इर्द-गिर्द मंडराने लगे। कोई भी घटना,पात्र या विचार आते ही डायरी के पन्ने के साथ साथ मन के पन्नों पर भी लिखा जाता गया। मन के भाव धीरे धीरे अक्षरों के आकार लेने लगे, ऑब्जरवेशन से ही कहानियाँ बनने लगीं। दस तरह के लोगों से जो दस बातें सुनती हूँ, वही एक काल्पनिक पात्र के मुँह से उगलवा लेती हूँ। यह किताब छोटी कहानियों का एक छोटा सा संसार है, जहाँ हर सभी को अपने जीवन का एक अंश साँस लेता मिल जायेगमैं बहुत आम सी गृहिणी हूँ, मेरे पास राजनीतिक, सामाजिक,धार्मिक या कोई आर्थिक प्रभामंडल नहीं है, बस, थोड़े से शब्द हैं, शब्द ही मेरा साहस, मेरी ख़ुशी, मेरे सपने, सामर्थ्य हैं, यही शब्द शब्द जुड़कर मेरी कहानी बन जाते है। लेखन के माध्यम से लोगों के दिलों को छूना मुझे भाता है, लिखने में मुझे एक अलग ही आनंद आता है। कुछ पत्रिकाओं से बेस्ट स्टोरी का पुरस्कार भी मिला, अब तक करीब चार सौ कहानियां, कई लेख लिख चुकी हूँभाषा के मामले में मेरी सोच शुरू से ही एक जैसी है, भाषा ऐसी हो जो पाठक को सीधे कहानी के साथ जोड़ दे, बीच में रुकावट न बन खड़ी हो। सरल भाषा लिखना मुश्किल काम होता है इसी दिशा में मैंने हमेशा कोशिश की है। मेरी कहानियों के पात्र मेरे साथ बैठे होते हैं,मैं उन्हें लिखते हुए महसूस करती हूँ, उनकी कहानियां लिखते-लिखते कभी हँस देती हूँ, कभी रो भी पड़ती हूँ। इसी संकलन की कहानी, कब जाओगे प्रिय, लिखते-लिखते बहुत हँसी भी हूँ क्योकि मेरे पति भी टूर पर जाते रहते हैंमिनी की नई ईयर पार्टी में खुद को ‘बडी’ बनाकर लिखने में मुझे बहुत आनंद आया, बीच की दीवार में कितनी ही बार आँखें पोंछीं, कहानी 'आज की लड़की ' की खुशबू कोई काल्पनिक पात्र नहीं है। यह बहुत करीबी लड़की खुशबू जिसकी कहानी से मैं इतना प्रभावित हुई कि मैंने खुशबू का नाम भी नहीं बदला, इसकी कहानी ज्यूँ की त्यूँ पन्नों पर उतारती चली गयी। मेरी कहानियाँ पाठकों के मन को छू जाएँ तो मैं अपनी लेखनी को सार्थक समझूँगी।।
    Voir livre