Saree ki Umr
Sanghamitra Rayguru
Erzähler Aashi Sarin
Verlag: AudioMyBooks
Beschreibung
उड़िया कवियत्री संघमित्रा रायगुरु का नाम साहित्य के क्षेत्र में किसी भी जान पहचान का मोहताज नहीं। भले ही वह मूल रूप से उड़िया में लिखती हैं लेकिन उनकी कविताएं अनेक भाषाओं में अनुवाद होकर प्रकाशत हो चुकी हैं। ‘साड़ी की उम्र’ उनकी हिंदी में अनुवाद कविताएं हैं जिनका अनुवाद उन्होंने स्वयं ही मूल भाषा से किया है। जब कोई कवि ख़ुद अपनी कविताओं का अनुवाद दूसरी भाषा में करता है तो वह किसी दूसरे अनुवादक की तुलना में अपनी कविताओं की मौलिकता और काव्यत्मकता ज़्यादा मूल रचना के करीब रखने में समर्थ होता है। इन कविताओं में भी संघमित्रा ने अपनी मूल भाषा की सुगंधि और उसके रस को बना कर रखा है। इन कविताओं में कवयित्री ने एतिहासक मिथिहास्क बिंबों को आधुनिक युग के नए संदर्भ में बहुत ही खूबसूरती से इस्तेमाल किया है। नए युग की विसंगतियों और तमाम जटिलताएं इन कविताओं में आकार लेती नजर आती हैं। इन कविताओं की शैली व्यंगात्मक, धारदार और बेहद धारदार है जो पाठक के सामने तीखे प्रश्न खड़े करती और उनसे ज़वाब मांगती है।अनेक कविताओं में कवियत्री जीवन के रहस्य और अध्यात्म को भी अपनी कविताओं में विश्लेषित किया है। प्रकृति इन कविताओं में गहरे तक समाई हुई है। कुछ कविताएं मोहब्बत और प्रेम के छिपे हुए रहस्यों और सूक्ष्म भावों को अभिव्यक्ति देती महसूस होती हैं। संघामित्रा के पास बहुत ही संवेदनशील हृदय और बेहद पैनी दृष्टि है और यही बात उनकी कविताओं की मूल शक्ति बन कर इस पुस्तक में झलकती है।
Dauer: 26 Minuten (00:26:25) Veröffentlichungsdatum: 01.09.2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

