Begleiten Sie uns auf eine literarische Weltreise!
Buch zum Bücherregal hinzufügen
Grey
Einen neuen Kommentar schreiben Default profile 50px
Grey
Hören Sie die ersten Kapitels dieses Hörbuches online an!
All characters reduced
Naag Pooja - A Story by Munshi Premchand - नागपूजा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - cover
HöRPROBE ABSPIELEN

Naag Pooja - A Story by Munshi Premchand - नागपूजा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

Munshi Premchand

Erzähler Munshi Premchand

Verlag: LOTUS PUBLICATION

  • 0
  • 0
  • 0

Beschreibung

नागपूजा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - Naag Pooja - A Story by Munshi Premchand 
"नागपूजा" मुंशी प्रेमचंद की एक अनोखी और प्रेरणादायक कहानी है, जो भारतीय समाज की परंपराओं और विश्वासों को उजागर करती है। यह कहानी इंसानी भावनाओं और सांस्कृतिक धरोहर के बीच के संबंध को गहराई से दिखाती है।  
🔸 कहानी का नाम: नागपूजा  
🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
🔸 मुख्य विषय: परंपरा, आस्था, और मानवीय संवेदनाएं  
🌟 कहानी की विशेषताएं:  
ग्रामीण भारत की संस्कृति और परंपराओं का चित्रण  
आस्था और समाज के बीच का संबंध  
मुंशी प्रेमचंद की विशिष्ट शैली में संवेदनशीलता और सादगी  
मुंशी प्रेमचंद की लेखनी के इस अनमोल रत्न का आनंद लें और इसे अपने मित्रों और परिवार के साथ साझा करें। 
मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया।  
प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और 'कफन' शामिल हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समाज के निम्न और मध्यम वर्ग की जिंदगी की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक न्याय, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे। प्रेमचंद का साहित्य सरल भाषा, मार्मिक शैली और यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और इसे जनसाधारण के करीब लाया। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका साहित्य आज भी प्रेरणादायक है और हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा है।
Dauer: 24 Minuten (00:24:09)
Veröffentlichungsdatum: 25.02.2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —