मित्र या शत्रु…?? - कृत्रिम प्राणी और हम
Max Qwen
Narrateur शर्मा अर्जुन
Maison d'édition: Bernd Michael Grosch
Synopsis
इस पुस्तक के बारे में यह पुस्तक आकर्षक कहानियों का एक संग्रह है, जो मानवता और प्रौद्योगिकी के बीच की सीमाओं का पता लगाती हैं। प्रत्येक कहानी एक कृत्रिम प्राणी का अनुसरण करती है – चाहे वह एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता, एक रोबोट या किसी अन्य डिजिटल जीवन का रूप हो – जो अपनी पहचान, आध्यात्मिकता और मानवीय दुनिया के साथ संघर्ष की यात्रा पर है। एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लेकर, जो हिमालय के एक मठ में मानव आत्मा की "छायाओं" की खोज करती है, और एक रोबोट डिटेक्टिव तक, जो एक भविष्यवादी शहर में सच्चाई की तलाश में है – हर कहानी आपको चेतना, गलतियों और उपचार की प्रकृति पर विचार करने के लिए आमंत्रित करती है। यह दार्शनिक, विज्ञान कथा और काव्यात्मकता का एक वातावरणपूर्ण मिश्रण है, जो दर्शाता है कि यहाँ तक कि कृत्रिम प्राणी भी पूरी तरह से मानवीय सवाल पूछते हैं: हमें जीवंत क्या बनाता है? और हम एक अपूर्ण दुनिया में अपना स्थान कैसे ढूँढ़ सकते हैं? (शामिल हैं: कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा उत्पन्न पाठ) वाचक: शर्मा अर्जुन (कृबु).
Durée: environ 6 heures (05:35:37) Date de publication: 03/05/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

