डलास
मैकेंजी, कैटरीना बोलिन
Maison d'édition: Katrina Bowlin-MacKenzie
Synopsis
एक विशेष छोटी लड़की भूतों को देख और उनसे बात कर सकती है। वह अपने चाचा, अपनी मां के भाई से संदेश देकर अपनी मां को दिलासा देती है।
Maison d'édition: Katrina Bowlin-MacKenzie
एक विशेष छोटी लड़की भूतों को देख और उनसे बात कर सकती है। वह अपने चाचा, अपनी मां के भाई से संदेश देकर अपनी मां को दिलासा देती है।
झाँसी शहर की पुरानी बस्ती में मुन्ना विकास पुरी में रहता था और टोनी आज़ाद नगर में। ये दोनों मोहल्ले सटे हुए थे। मोहल्लों के बीच की सीमा पर एक नाली थी। मुन्ना और टोनी दोनों 11 वर्ष के थे और पड़ोस के सरकारी स्कूल में कक्षा 5 के विद्यार्थी थे। एक दिन दोपहर में टोनी विकासपुरी से होता हुआ आज़ाद नगर की तरफ आ रहा था। एक भूरे रंग का पिल्ला उसके पास आकर उसके पैरों को सूंघने लगा। पिल्ला बड़ा मासूम और प्यारा था। टोनी ने उसे पुचकारते हुए उसके माथे को धीरे से छुआ और अपने घर की और चल दिया। कुछ कदम चलने के बाद टोनी ने पीछे मुड़ कर देखा तो पाया पिल्ला उसके पीछे पीछे चला आ रहा था। नाली के पास आकर वह रुक गया। नाली उसके हिसाब से चौड़ी और गहरी थीVoir livre
‘मैला आँचल’ हिन्दी का श्रेष्ठ और सशक्त आंचलिक उपन्यास है। नेपाल की सीमा से सटे उत्तर-पूर्वी बिहार के एक पिछड़े ग्रामीण अंचल को पृष्ठभूमि बनाकर रेणु ने इसमें वहाँ के जीवन का, जिससे वह स्वयं ही घनिष्ट रुप से जुड़े हुए थे, अत्यन्त जीवन्त और मुखर चित्रण किया है। ‘मैला आँचल’ का कथानक एक युवा डॉक्टर है जो अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद पिछड़े गाँव को अपने कार्य-क्षेत्र के रुप में चुनता है, तथा इसी क्रम में ग्रामीण जीवन के पिछड़ेपन, दुःख-दैन्य, अभाव, अज्ञान, अन्धविश्वास के साथ-साथ तरह-तरह के सामाजिक शोषण-चक्रों में फँसी हुई जनता की पीड़ाओं और संघर्षों से भी उसका साक्षात्कार होता है। कथा का अन्त इस आशामय संकेत के साथ होता है कि युगों से सोई हुई ग्राम-चेतना तेजी से जाग रही है। कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की इस युगान्तकारी औपन्यासिक कृति में कथाशिल्प के साथ-साथ भाषाशिल्प और शैलीशिल्प का विलक्षण सामंजस्य है जो जितना सहज-स्वाभाविक है, उतना ही प्रभावकारी और मोहक भी। फणीश्वरनाथ रेणु जन्म : 4 मार्च, 1921; जन्म-स्थान : औराही हिंगना नामक गाँव, ज़िला पूर्णिया (बिहार)। हिन्दी कथा-साहित्य में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण रचनाकार। दमन और शोषण के विरुद्ध आजीवन संघर्ष। राजनीति में सक्रिय हिस्सेदारी। 1942 के भारतीय स्वाधीनता-संग्राम में एक प्रमुख सेनानी। 1950 में नेपाली जनता को राणाशाही के दमन और अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए वहाँ की सशस्त्र क्रान्ति और राजनीति में योगदान। 1952-53 में दीर्घकालीन रोगग्रस्तता। इसके बाद राजनीति की अपेक्षा साहित्य-सृजन की ओर अधिकाधिक झुकाव। 1954 में बहुचर्चित उपन्यास ‘मैला आँचल’ का प्रकाशन। कथा-साहित्य के अतिरिक्त संस्मरण, रेखाचित्र और रिपोर्ताज़ आदि विधाओं में भी लिखा। व्यकVoir livre
शेखचिल्ली एक ऐसा कथा-नायक है जो आमलोक- जीवन के संघर्षों से बार-बार उबरता है और बार-बार उन्हीं संघर्षों में जुत जाता है। उसमें ईमानदारी है, निष्ठा है, मर्यादा है, परिस्थिति जन्यविवेक है, लगन और उत्साह है और इन सबसे बड़ी बात यह भी है कि वह अपने वर्तमान में जीता है। अतीत की स्मृतियों को उलीचता हुआ, वर्तमान की राह बनाता हुआ यह पात्रा कभी भविष्य की चिन्ता में डूबता-उतराता नहीं है। जीवन के उतार-चढ़ाव में संयत रहते हुए मनमौजी जीवन जीता हुआ शेखचिल्ली कई बार हमें मूर्ख या बेवकूफ प्रतीत होता है किन्तु उसकी अजीबो गरीब हरकतों में समय की ऐसी समझ समाई रहती है कि पाठक उसकी सराहना किए बिना नहीं रह सकता। ये कहानियाँ शेखचिल्लीकी कारस्तानियों का मनोरंजक विस्तार हैं। इस संग्रह में शेखचिल्ली की अलग-अलग कहानियाँ किसी माला में गूँथे गए मन कों की तरह पिरोई गई हैं। इस कथा-संग्रह की विशेषता है कि शेखचिल्ली के जीवन के कालखंडों को दर्शाती कथाओं को इसमें इस तरह रखा गया है कि उनका अलग अस्तित्व बना रहे और उसके जीवन की विकास-यात्रा की निरन्तरता का भी पता चलता रहे। आज भी उसकी कहानियाँ जहाँ हमें हँसाती हैं वहीं जुल्म का सामना करने का साहस भी प्रदान करती हैं। रोचक और सरल भाषा में लिखी गई ये कहानियाँ सुनने वालों का भरपूर मनोरंजन करने का वादा करती हैं और दावा भी कि कोई है जो इन्हें सुन कर हँसे बिना रह सके!Voir livre
श्रेष्ठ बाल कहानियाँ चुनी हुई चुनिंदा कहानियों का संग्रह! इस किताब में उर्दू भाषा से अनुवादित चुनिंदा कहानियाँ हैं! ये कहानियाँ बच्चों के मन एक नेक दुनिया की तस्वीर बनाती है और बेहतर इंसान बनाने का अलख जगाती है! ऑडियो में इन कहानियों को सुनना बच्चों को अलग अनुभव प्रदान करता है!Voir livre
अजिंक्य गाव में हुए खून और प्रेतात्मा की गुत्थी सुलझाता हैं|Voir livre
शक्तिशाली मुगल सम्राट अकबर नाराज है. कोई उनके दरबार के रहस्यों को दुश्मनों को लीक कर रहा है. और अब उनके दुश्मन उन पर हंस रहे हैं. चलिए सुनते हैं, इस रहस्य को सुलझाने में सम्राट की मदद कौन कर सकता है?Voir livre