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छिपी हुई इच्छाएँ - cover

छिपी हुई इच्छाएँ

LS Morgan

Übersetzer Maya Mehra

Verlag: Tektime

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Beschreibung

यह पुस्तक केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए उपयुक्त है।

क्लॉस मैक्समिलियन एक जन्मजात दबंग है, वह जानता है कि उसके पास क्या शक्ति है, वह इसे सुख और वासना के जीवन में उपयोग करता है, लेकिन कुछ उसके नियंत्रण से बाहर है, अंदर कुछ टूटा हुआ है, और इसलिए, वह एक मुक्ति अनुभव चाहता है। इस रहस्य उपन्यास और स्पष्ट दृश्यों में सेक्स, दर्द और प्यार यादृच्छिक विषय नहीं हैं। छिपी हुई इच्छाओं और प्रकट सुखों की इस दुनिया में उद्यम करें। ध्यान दें: यह पुस्तक केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए उपयुक्त है।
Verfügbar seit: 18.08.2023.
Drucklänge: 655 Seiten.

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    Atithi - A Story by Rabindranath Tagore - अतिथि - रविंद्रनाथ टैगोर की कहानियाँ 
    "यह कहानी तारापाड़ा के एक किशोर लड़के की है। जो अपनी माँ और बड़े भाई के साथ बंगाल के एक गाँव में रहता है। उनके गुस्से के कारण, वह अक्सर घर से कई दिनों के लिए दूर भागता रहता है। उसके पास एक भटकने की लालसा है, जो उसे भटकने वाले खिलाड़ियों, संगीतकारों और कलाबाजों के समूहों में शामिल करती है। अपनी अंतिम उड़ान में वह एक धनी अभिजात मोती बाबू से मिलता है फिर आगे क्या होता हैं कहानी में सुनते हैं।" 
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    Phanishwar Nath Renu

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    Lal paan ki Begum - Phanishwarnath Renu - लाल पान की बेगम - फणीश्वरनाथ रेणु  
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    This Hindi audiobook version brings to life Renu’s poetic language and rural flavor — offering listeners a slice of authentic Indian village culture and a powerful narrative of female strength, societal critique, and tradition. 
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    प्रेरणा - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Prerna - Munshi Premchand Ki Kahani 
    मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'प्रेरणा' जीवन के संघर्ष, आशा और आत्मबल का अद्भुत चित्रण है। यह कहानी उन मानवीय मूल्यों को उजागर करती है जो कठिन परिस्थितियों में भी हमें आगे बढ़ने और अपने लक्ष्य तक पहुँचने की प्रेरणा देते हैं। 'प्रेरणा' के माध्यम से प्रेमचंद हमें सिखाते हैं कि सच्चा साहस और आत्मविश्वास इंसान को हर बाधा पार करने की शक्ति देते हैं। यह कहानी आपके दिल को छू जाएगी और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा देगी। 
    🔸 कहानी का नाम: प्रेरणा  
    🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
    🔸 शैली: प्रेरणादायक, सामाजिक  
    🔸 मुख्य विषय: आत्मबल, संघर्ष, और जीवन में सकारात्मकता  
    🔸 मुख्य पात्र: संघर्षरत व्यक्ति और उसके जीवन की प्रेरणा  
    🌟 कहानी के मुख्य बिंदु:  
    जीवन में आशा और आत्मबल का महत्व  
    कठिनाइयों के बीच भी सफलता का मार्ग  
    प्रेरणा और सकारात्मकता का संदेश  
    मुंशी प्रेमचंद की मार्मिक लेखनी 
    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। प्रेमचंद ने गरीबों, किसानों और मजदूरों के दुःख-दर्द को अपनी कहानियों में ऐसा उकेरा कि पाठक उनके पात्रों के साथ जीने लगते हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं।
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    नमक का दरोगा 
    यह कहानी मुंशी वंशीधर की है, जो ईमानदार है और उसने कालाबाजारी के विरुद्ध आवाज़ उठाई। लेकिन जिस समाज में भ्रष्टाचार का बोलबाला हो, उसमें क्या ईमानदारी और सच्चाई टिक पाएगी? मुंशी प्रेमचंद की कहानी इसी पर आधारित है।कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंद 
    कलम के जादूगर प्रेमचंद की कहानियाँ आज भी बड़े ही ध्यान और सम्मान के साथ सुनी जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं प्रेमचंद की वो कहानियाँ जो उनके कथा संकलन ‘मान सरोवर’ से ली गई हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ अपने समय की हस्ताक्षर हैं जिनमें आप तब के परिवेश और समाज को भी बखूबी समझ सकते हैं। यूं तो मुंशी जी ने अपनी कहानियाँ हिंदी में ही लिखी हैं फिर भी हमारा ये प्रयास है की उनकी कहानियाँ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचे और इसलिए हमने उन्हें थोड़ी और सरल भाषा में प्रस्तुत किया है। इन कहानियों को ख़ास आपके लिए तैयार किया है। तो आइए सुनते हैं प्रेमचंद की विश्व प्रसिद्ध कहानियाँ!  
    Munshi Premchand’s real name was Dhanpat Rai. He was born on 31 July 1880 in Lamhi village in Banaras. He was born into a middle class family which made him keenly observe the poverty and disadvantages of the middle class society. He dedicated his whole life to Hindi literature. He was honoured with the titles of a short-story writer, a novelist and a social reformer. He died on 8 October, 1936.In this collection of short stories, Premchand has thrown light on the different aspects of society such as social systems, faith and religion. The story ‘Kafan’ reflects the poverty-stricken upbringing of Premchand and depicts the struggles of the poor for survival.
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    शराब की दुकान - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - Sharab Ki Dukan - A Story by Munshi Premchand 
    "शराब की दुकान" मुंशी प्रेमचंद की एक बेहतरीन कहानी है जो समाज में शराब के बढ़ते प्रचलन और इसके दुष्प्रभावों को उजागर करती है। यह कहानी समाज के कमजोर वर्गों पर शराब के दुष्प्रभाव और इसकी वजह से होने वाले आर्थिक और नैतिक पतन को दर्शाती है।  
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    🔸 कहानी का नाम: शराब की दुकान  
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    🔸 मुख्य विषय: शराब का प्रभाव और सामाजिक समस्याएं  
    🌟 कहानी के मुख्य बिंदु:  
    शराब की लत और इसका जीवन पर प्रभाव  
    परिवार और समाज पर शराब का दुष्प्रभाव  
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    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया।  
    प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और 'कफन' शामिल हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समाज के निम्न और मध्यम वर्ग की जिंदगी की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक न्याय, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे। प्रेमचंद का साहित्य सरल भाषा, मार्मिक शैली और यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और इसे जनसाधारण के करीब लाया। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका साहित्य आज भी प्रेरणादायक है और हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा है।
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    राज महल - हिंदी ऑडियो स्टोरी

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    "ये कहानी है उस राजमहल की... जहाँ राजा भगवान था, और प्रजा... उसकी बंधक। 
    स्वर्णकुश, एक सनकी तानाशाह जिसने राज्य को शोषण, यौन कुंठा और खौफ के नरक में झोंक दिया। 
    रानी त्रिशाला, सौंदर्य की देवी, लेकिन भीतर से जली हुई... 
    और विशालाक्ष, वो युवा जिसकी नज़र विद्रोह था, और शरीर एक तूफ़ान। 
    झरोखे के उस पार क्या छुपा था? 
    बलि... वासना... या कोई क्रांति? 
    धर्मेंद्र मिश्रा और हिमांशु त्रिपाठी द्वारा लिखित: 
    ‘राज महल’ 
    एक दहला देने वाली कथा… राजा, रानी और बगावत की।" 
    ........... 
    This is the story of a royal palace where the king was worshipped like a 'GOD' and the people were his prisoners. 
     Swarnkush: a mad tyrant, Queen Trishala: a goddess of beauty but burning inside, and Vishalaksh: a young rebel with a storm in his heart. 
     A tale of sacrifice, lust and rebellion written by Dharmendra Mishra and Himanshu Tripathi; a dark Hindi thriller that chills to the bone.”
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