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The Water Took Us away- Hindi
Priyanshu Sinha
यह कहानी एक प्राकृतिक आपदा की भयावहता, मानव बेबसी, और जीवित रहने की असंभव कोशिशों को बेहद संवेदनशील और डरावने अंदाज़ में पेश करती है। कहानी की नायिका उमला, अपने परिवार के साथ सुनामी से बचने की कोशिश करती है, लेकिन कुदरत की क्रूरता उन्हें घने जंगलों और अंतहीन पानी की लहरों में फंसा देती है। बारिश की शांत बूँदों से शुरू होकर, कहानी एक भूकंप की चेतावनी और सुनामी की विनाशकारी लहरों तक पहुँचती है। ट्रैफिक, अफरा-तफरी, टूटी उम्मीदें और बहते शव — सब कुछ मिलकर एक ऐसा दृश्य रचते हैं जो मानवता के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करता है। उमला का अकेले रह जाना, घायल होना, अपने शरीर के अंग खो देना और फिर भी जिंदा बचने की कोशिश करना — यह सब पाठक को झकझोर देता है। जब वह अपनी ही कटी हुई हथेली को पहचानती है, वह क्षण आंतरिक भय और पीड़ा का चरम है। "जल में डूबते चेहरे" एक ऐसी कहानी है जो न केवल सुनामी जैसी आपदा की भयावहता दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि जब सब कुछ ख़त्म हो जाए, तब भी एक चीख, एक याद, एक उम्मीद रह जाती है… बस थोड़ी देर तक। यह कहानी दिल तोड़ती है, डराती है, और अंत में, गहरी खामोशी छोड़ जाती है।
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कॉर्पोरेट ऑफिस का सच
Sonika bhatia
"कॉर्पोरेट ऑफिस का सच" कैसे अपने सपनों को पूरा करने के लिए किन किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है
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Gumnaam Veshyavritti
Sneha Singh
क्या हमने कभी सोचा है कि एक आम सी दिखने वाली लड़की इस दलदल में कैसे उतर जाती है? क्या यह उसकी चाहत होती है — या हमारी व्यवस्था की नाकामी? “।। गुमनाम ।।” एक विचारोत्तेजक लेख है जो भारतीय समाज के उस स्याह हिस्से को उजागर करता है, जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं — वेश्यावृत्ति। इस रचना में लेखिका स्नेहा सिंह ने इतिहास, समाज और कानून — तीनों दृष्टिकोणों से वेश्यावृत्ति की जड़ों को तलाशा है। मेसोपोटामिया की सभ्यता से लेकर भारत के सोनागाछी और कमाठीपुरा तक, यह लेख दिखाता है कि देह व्यापार केवल पेशा नहीं, बल्कि परिस्थितियों की उपज है। लेख समाज से सवाल करता है — “जब ताली एक हाथ से नहीं बजती, तो दोष सिर्फ़ औरत का क्यों?” यह लेख केवल आँकड़े नहीं, बल्कि एक सोच है — एक कोशिश यह समझने की कि मजबूरी और नैतिकता के बीच की रेखा कितनी पतली है। “।। गुमनाम ।।” हर उस पाठक के लिए है जो समाज के आईने में झाँकने की हिम्मत रखता है। यह सिर्फ़ वेश्यावृत्ति पर नहीं, बल्कि मानवता की परिभाषा पर लिखा गया एक गहरा चिंतन है।
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केतु वाले
Ashok
साधना तुम्हारे भीतर साधना का अभाव नहीं था बस तुम अनजान रहे अपनी शक्तियों के प्रति। याद करो तुम ही बो केतु वाले हो उम्र 40 की होने ke बाद पता चलता है की jeevan ke लिए क्या आवश्यक है। परंतु ketu wale bachpan में ही यह jaan जाते हैं केतु का कोई अस्तित्व नहीं था यह तो राहु नामक राक्षस के शरीर का गर्दन से निचला हिस्सा है। इसके पास सिर नहीं है इसलिए बुद्धि भी नहीं है। परंतु हृदय है इसलिए यह एक भक्त है
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भगोड़ा
राजकुमार केसवानी
चंबल का एक डाकू शक्ति सिंह।अपने गिरोह के अत्याचारी सरदार से उसकी पत्नी ममता को बचाता है और उसकी इच्छा के अनुसार उसे उसकी मौसी के घर छोड़ कर वापस आ जाता है। लौट कर वो कैलाश पांडे के गिरोह में शामिल हो जाता है। थोड़े समय बाद कैलाश पांडे का हृदय परिवर्तन हो जाता है और वह अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ आत्म समर्पण कर देता है। शक्ति सिंह आत्मसमर्पण नहीं करता और बंबई (अब मुंबई ) भाग जाता है। वहाँ उसकी मुलाक़ात ममता से होती है फिर क्या होता है ? जानने के लिये सुनिए भगोड़ा
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हवन - भाग्य की पवित्र अग्नि
Vahinji
अग्नि हमेशा से ही परिवर्तन का प्रतीक रही है - पुराने को नष्ट करके नए को जन्म देना। सनातन धर्म की प्राचीन परंपराओं में, हवन केवल एक अनुष्ठान नहीं है; यह एक ब्रह्मांडीय संवाद है, मानव अस्तित्व और दिव्य चेतना के बीच एक सेतु है। माना जाता है कि हवन की पवित्र लपटें, जो प्रसाद और मंत्रों से प्रज्वलित होती हैं, आत्मा को शुद्ध करती हैं, कर्म के बोझ को जलाती हैं और साधक को ब्रह्मांड की उच्च शक्तियों के साथ जोड़ती हैं। लेकिन क्या होगा अगर हवन सिर्फ़ एक भेंट से ज़्यादा कुछ है? क्या होगा अगर, धुएं और राख से परे, इसमें समय के साथ खोए हुए रहस्य छिपे हों - ऐसे रहस्य जो भाग्य को ही बदल सकते हैं? यह उपन्यास, "हवन - भाग्य की पवित्र अग्नि", पौराणिक कथाओं, आध्यात्मिकता और रहस्य का मिश्रण है , जो वैदेही की यात्रा को उजागर करता है , एक आधुनिक महिला जो अनजाने में एक प्राचीन भविष्यवाणी से बंधी हुई है। जब वह एक भूले हुए मंदिर और एक ऐसी आग पर ठोकर खाती है जो कभी नहीं बुझती, तो वह वास्तविकता, कर्म और हमारे जीवन को आकार देने वाली छिपी शक्तियों के बारे में जो कुछ भी जानती है, उस पर सवाल उठाने के लिए मजबूर हो जाती है। इस पुस्तक के माध्यम से आप जानेंगे: हवन के पीछे का लुप्त विज्ञान और शक्ति प्राचीन अनुष्ठान आज भी हमारे भाग्य को कैसे प्रभावित करते हैं कर्म और स्वतंत्र इच्छा के बीच शाश्वत संघर्ष अज्ञानता से ज्ञानोदय तक आत्मा की यात्रा यह कहानी सिर्फ़ अतीत की नहीं है; यह वर्तमान और भविष्य की भी कहानी है। यह हम सभी के बारे में है, जो नियति के चौराहे पर खड़े हैं, और एक ऐसी दुनिया में अर्थ की तलाश कर रहे हैं जो अक्सर अव्यवस्थित लगती है। इन पन्नों को पलटते समय याद रखें— आग सिर्फ़ विनाश ही नहीं करती; यह शुद्ध करती है, रूपांतरित करती है और जागृत करती है। क्या आप आग की लपटों में उतरने के लिए तैयार हैं? हवन की यात्रा में आपका स्वागत है।
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