गजराज-विजय: मगध से यवन तक - जब दो साम्राज्य टकराए और हाथियों ने इतिहास का रुख मोड़ दिया।
Gaurav Garg
Narrateur 07
Maison d'édition: Independently Published
Synopsis
This audiobook is narrated by an AI Voice. ईसा पूर्व चौथी शताब्दी। विश्व विजेता सिकंदर की मृत्यु ने प्राचीन जगत को सत्ता संघर्ष और अनिश्चितता की आग में झोंक दिया था। इसी उथल-पुथल के बीच, भारतवर्ष में, एक युवा और तेजस्वी योद्धा, चंद्रगुप्त, अपने महाज्ञानी गुरु आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में, अत्याचारी नंद वंश के कुशासन को समाप्त कर एक अखंड और न्यायप्रिय मौर्य साम्राज्य की स्थापना का संकल्प ले रहा था। परन्तु पश्चिम में, सिकंदर का एक और महत्वाकांक्षी सेनापति, सेल्यूकस निकेटर, अपने लिए एक विशाल हेलेनिस्टिक साम्राज्य का निर्माण कर रहा था। उसकी गिद्ध दृष्टि सिकंदर द्वारा विजित भारत के समृद्ध पूर्वी प्रदेशों पर भी टिकी थी। नियति इन दो महाशक्तियों को सिंधु नदी के तट पर ले आई। एक ओर थी चंद्रगुप्त की विशाल भारतीय सेना, जिसमें दुर्जेय गजसेना भी शामिल थी, और दूसरी ओर थी सेल्यूकस की अनुभवी यूनानी और मैसेडोनियन फालान्क्स। उनके बीच हुआ संघर्ष केवल शस्त्रों का नहीं, बल्कि बुद्धिमत्ता, कूटनीति और सहनशक्ति का भी महासंग्राम था। आचार्य चाणक्य की अद्भुत रणनीतियों और चंद्रगुप्त के अदम्य शौर्य के समक्ष यवनों को अंततः घुटने टेकने पड़े। "गजराज-विजय: मगध से यवन तक" केवल युद्ध और विजय की कहानी नहीं है। यह उस ऐतिहासिक सिंधु संधि का भी विस्तृत चित्रण है, जिसने दो साम्राज्यों के बीच शत्रुता को समाप्त कर शांति और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक नया अध्याय प्रारंभ किया। यह यवन राजकुमारी हेलेनिका के एक नई संस्कृति में आत्मसातीकरण, मेगस्थनीज जैसे राजदूतों द्वारा भारत के अद्भुत समाज के अवलोकन, और भारतीय युद्ध हाथियों की उस अप्रत्याशित भूमिका की भी गाथा है, जिन्होंने सुदूर पश्चिम में इप्सस के युद्ध में सेल्यूकस को निर्णायक विजय दिलाई। शौर्य और बलिदान, कूटनीति और षड्यंत्र, प्रेम और घृणा, युद्ध और शांति – इन सभी मानवीय भावनाओं और ऐतिहासिक घटनाओं से बुनी यह महाकाव्यात्मक कथा आपको उस प्राचीन युग में ले जाएगी जब भारत विश्व की एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा था, और जब हाथियों ने न केवल साम्राज्यों का भाग्य तय किया, बल्कि दो महान सभ्यताओं को भी एक दूसरे के निकट ला दिया।
Durée: environ 7 heures (06:55:47) Date de publication: 08/06/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

