Rejoignez-nous pour un voyage dans le monde des livres!
Ajouter ce livre à l'électronique
Grey
Ecrivez un nouveau commentaire Default profile 50px
Grey
Abonnez-vous pour lire le livre complet ou lisez les premières pages gratuitement!
All characters reduced
नानी कहे कहानी - कहानी संग्रह - cover

नानी कहे कहानी - कहानी संग्रह

डॉ. रंजना वर्मा

Maison d'édition: Pencil

  • 0
  • 0
  • 0

Synopsis

About the book:यह मात्र एक कहानी संग्रह ही नहीं है वरन इस पुस्तक के द्वारा लेखिका द्वारा समाज में लुप्त होती जा रही भारतीय सामाजिक तथा सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास किया गया है । प्रस्तुत सङ्ग्रह की सभी कहानियों में विभिन्न व्रत पर्व पर कही सुनी जाने वाली कथाओं को उपजीव्य बनाकर उन्हें रोचक ढंग से लिखने का प्रयास किया गया है । कहानियाँ भिन्न भिन्न विषयों पर आधारित हैं । ये कहानियाँ जनमानस में प्रचलित परम्पराओं का पुनरूत्थान करने का एक प्रयास है । कहानियों को अत्यन्त रोचक ढंग से पाठकों की अभिरुचि को ध्यान में रख कर लिखा गया है ।
Disponible depuis: 06/12/2021.

D'autres livres qui pourraient vous intéresser

  • मेगन की स्कूल से पिकनिक - एक स्पिरिट गाइड एक घोस्ट टाइगर और एक डरावनी माँ! - cover

    मेगन की स्कूल से पिकनिक - एक...

    Owen Jones

    • 0
    • 0
    • 0
    ओवेन जोन्स द्वारा मेगन की स्कूल से पिकनिक 
    एक मार्गदर्शक आत्मा, एक बाघ का भूत और एक डरावनी माँ! 
    मेगन स्कूल से प्रागैतिहासिक गुफाओं की पिकनिक पर जाती है और गुफाओं के जीवन को महसूस करती है। मेगन एक 13 वर्षीय किशोर लड़की है जिसे यह एहसास होता है कि उसके पास मानसिक शक्तियां हैं जो दूसरों के पास नहीं हैं। सबसे पहले उसने इसके बारे मे अपनी माँ से बात करने की कोशिश की, लेकिन विनाशकारी परिणामों के कारण उसने चुप रहना सीख लिया। 
    हालांकि, कुछ लोगों ने मदद करने की पेशकश की और एक जानवर ने एक विशेष दोस्ती दिखाई, लेकिन वे सामान्य अर्थों मे `जीवित` नहीं थे। वे जिन्दा नही थे। 
    मेगन के ऐसे तीन दोस्त हैं: वाकिंहिन्शा की मार्गदर्शक आत्मा जो पृथ्वी पर अपने अंतिम जीवन मे सिओक्स था; उसके नाना जी ग्रैम्पस और एक विशाल साइबेरियन बाघ ग्र्र। 
    वाकिंहिंशा को आध्यात्मिक, मानसिक और अपसामान्य सभी चीजों की अत्यंत जानकारी थी; उसके दादा जी एक नौसिखिया `मृत व्यक्ति` हैं और ग्र्र केवल बाघ बोल सकता था, जैसा कि कोई कल्पना कर सकता है और इनमे से अधिकांश निश्चित रूप से मनुष्यों के लिए अस्पष्ट थे। 
    मेगन के जीवन के इस भाग मे, उसे और उसके स्कूल के बाकी विद्यार्थियों को स्कूल से पिकनिक पर ले जाया जाता है। ये वार्षिक कार्यक्रम होना चाहिए लेकिन स्कूल के पास हमेशा खर्चा उठाने के लिए पैसे नहीं होते थे। 
    मेगन के लिए यह असाधारण था क्योंकि उसने अतीत के एक युग मे रहने वाले लोगों के जीवन की एक झलक देखी। 
    मेगन का अनुसरण करें कि वह कैसे अपने अतीत मे स्कूल की पिकनिक से और अधिक सीखने की कोशिश करती है और वह अपने मार्गदर्शन करने वाली आत्मा जो उसे सबसे अच्छा करने की सलाह देता है को पढ़ती है ।
    Voir livre
  • Lady Mastram ke Adventures S01E03 - cover

    Lady Mastram ke Adventures S01E03

    Prabhat Ranjan

    • 0
    • 0
    • 0
    मंदिर, हनुमान जी, मंगलवार, शनिवार का प्यार में बहुत महत्व होता था। यह अलग बात है कि इस कहानी में मंदिर के साथ शुक्रवार का संयोग बना है। मंदिर पवित्र प्रेम का पहला मिलन स्थल होता था। ईश्वर को साक्षी मानकर कई बार लड़के-लड़की मंदिर में शादी तक कर लेते थे। लेकिन इस कहानी में ऐसा कुछ नहीं है। नायिका का व्रत है और नायक का प्रसाद माँगने पहुँचने की भूमिका।
    Voir livre
  • Building Eater - Sci-Fi Story - cover

    Building Eater - Sci-Fi Story

    Dharmendra Mishra

    • 0
    • 0
    • 0
    वे आए थे सफाई करने… अब सबकुछ निगल जाएंगे।” 
    “कचरे से इमारतों तक — उनकी भूख असीम है।” 
    “धरती की आख़िरी जंग… अपने ही सफाईकर्मियों से।” 
    “जब इलाज ही सबसे बड़ा हादसा बन जाए।” 
    “कभी थे रक्षक… अब हैं विनाशक।” 
    “बिल्डिंग ईटर” एक अनोखी साइंस-फिक्शन थ्रिलर है, जहाँ समुद्र किनारे मिले रहस्यमयी जीव शुरुआत में कचरा और प्लास्टिक खाकर मानवता के लिए वरदान बनते हैं। लेकिन जब वही जीव धीरे-धीरे पत्थर और ऊँची इमारतें निगलने लगते हैं, तो पूरी दुनिया विनाश के खतरे में आ जाती है। 
    क्या वैज्ञानिक और प्रशासन मिलकर इन्हें रोक पाएंगे, या यह जीव पूरी सभ्यता को मिटा देंगे? 
    सुनिए यह रोमांचक ऑडियोबुक, जो हॉलीवुड-स्टाइल साइंस थ्रिलर और भारतीय सामाजिक टच का अनोखा संगम है। 
    .................“Building Eater” is a unique science-fiction thriller where mysterious creatures found on the seashore start by eating waste and plastic, turning into unexpected saviors of humanity. But soon, their hunger grows to rocks and skyscrapers, pushing the world towards destruction. 
    Can a scientist and an officer stop them in time, or will these creatures erase civilization forever? 
    Experience this gripping audiobook — a blend of Hollywood-style monster thriller with an Indian social twist.
    Voir livre
  • शूलभद्र vsअंधकर्णी - cover

    शूलभद्र vsअंधकर्णी

    देवेंदर महेंद्रू

    • 0
    • 0
    • 0
    धर्मेंद्र मिश्रा की कहानी शूलभद्र vs अंधकर्णी
    Voir livre
  • Dr APJ Abdul Kalam - cover

    Dr APJ Abdul Kalam

    Swati Gautam

    • 0
    • 0
    • 0
    सफलता के अमर सूत्र, उन सूत्रों का संकलन है जो विफलता से उभरे लोगों ने इज़ात किए हैं! इन सूत्रों में आप पाएँगे कि हार के बाद उठ कर दोबारा कोशिश करने के लिए सिर्फ़ हौसला ही नहीं बल्कि होशियारी की भी ज़रूरत होती है! मगर फिर ये सवाल उठता है कि इस होशियारी की परिभाषा कौन तय करता है? क्या होशियारी हर किसी के जीवन में एक समान हो सकती है? नहीं ना! क्योंकि हम सब अलग-अलग ग़लतियाँ करते हैं! इस सीरीज़ को ज़रूर सुनें और समझें कि सफल लोगों ने किन-किन विफलताओं का सामना किया और मुश्किल हालातों को कैसे मात दी!
    Voir livre
  • Allahabad Blues - cover

    Allahabad Blues

    Anjani Kumar Pandey

    • 0
    • 0
    • 0
    'इलाहाबाद ब्लूज' दास्ताँ है साँस लेते उन संस्मरणों की जहाँ इतिहास, संस्कृति और साहित्य की गोद से ज़िंदगी निकल भी रही है और पल-बढ़ भी रही है। इस पुस्तक से गुज़रते हुए पाठकों को यह लगेगा कि वो अपने ही जीवन से कहीं गुज़र रहे हैं। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की गँवई ज़मीन से शुरू हुई यह यात्रा इलाहाबाद होते हुए यूपीएससी, धौलपुर हाउस और दिल्ली तक का सफ़र तय करती है। 'इलाहाबाद ब्लूज' एक मध्यमवर्गीय जीवन की उड़ान है। इसलिए इसमे जहाँ गाँव की मिट्टी की सोंधी ख़ुशबू है, वहीं इलाहाबाद की बकैती, छात्र जीवन की मसखरी और फक्कड़पन भी इस पुस्तक की ख़ासियत है। मिडिल क्लास ज़िंदगी के विभिन्न रंगों से सजे हुए संस्मरण बहुत ही रोचक एवं मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत किए गए हैं। इसमें एक बोलती-बतियाती, जीती-जागती ज़िंदगी है, संघर्ष है, प्रेम है, पीड़ा है, अथक जिजीविषा है और अंत में कभी भी हार ना मानने का दृढ़-संकल्प है। पहले मिनट से आख़ि‍री मिनट तक आप कब स्वयं 'अंजनी' होते हुए इस पुस्तक से निकलेंगे, यह आपको एहसास ही नहीं होगा।.
    Voir livre