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आत रात शेर सोता है - एक छोटी कहानी - काल्पनिक ऐतिहासिक विलुप्त जानवर छोटी कहानी - cover

आत रात शेर सोता है - एक छोटी कहानी - काल्पनिक ऐतिहासिक विलुप्त जानवर छोटी कहानी

T. M. Bilderback

Publisher: Sardis County Sentinel Press

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Summary

कर्नल क्वेंटिन जेम्स एबरनेथी (सेवानिवृत्त) से मिलें, महामहिम के सशस्त्र बलों के पूर्व सदस्य। 


कर्नल एबरनेथी कुछ साल पहले एक कुंवारे के रूप में सेवानिवृत्त हुए, और अब अपनी पेंशन और अपने परिवार के भाग्य पर निर्भर हैं। वह काफी बूढ़ा है, और लंदन के एक आलीशान सज्जन क्लब से ताल्लुक रखता है। 


"द लायन स्लीप्स टुनाइट" में, कर्नल एबरनेथी क्लब के एक परिचित को एक कहानी सुनाता है - दक्षिण अमेरिका में 1950 के दशक के ब्रिटिश गुयाना की कहानी, और एक शेर के साथ कर्नल की मुठभेड़। 


लेकिन यह कोई साधारण शेर नहीं है। 


10,000 साल से विलुप्त है ये शेर! 


अच्छे कर्नल के अपने शब्दों में, टी. एम. बिलडरबैक की उत्साही साहसिक लघु कहानी, "द लायन स्लीप्स टुनाईट" में पता करें कि उस पुराने समय में क्या हुआ था!
Available since: 01/06/2023.
Print length: 54 pages.

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    ढपोरसंख - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Dhaporsankh - Munshi Premchand Ki Kahani 
    मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'ढपोरसंख' एक व्यंग्यात्मक रचना है, जो समाज में ढोंग, अहंकार, और दिखावे की पोल खोलती है। इस कहानी में ऐसे पात्रों का चित्रण किया गया है, जो स्वयं को महत्त्वपूर्ण दिखाने के लिए खोखले दावों और दिखावटी व्यवहार का सहारा लेते हैं।  
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    🔸 मुख्य विषय: ढोंग, अहंकार, और समाज का यथार्थ  
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    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया। 
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    Kitni Purnta - Malgudi Days by R. K. Narayan - कितनी पूर्णता - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण 
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    कितनी जमीन - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - Kitni Zameen - A Story by Munshi Premchand 
    "कितनी जमीन" मुंशी प्रेमचंद की एक गहरी सोच वाली कहानी है, जो लालच, मानवीय इच्छाओं, और संतोष के महत्व पर आधारित है। यह कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि जीवन में वास्तव में हमारी ज़रूरतें कितनी हैं और इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता।  
    यह कहानी आपको आत्मनिरीक्षण करने और जीवन के असली अर्थ को समझने की प्रेरणा देगी। 
    🔸 कहानी का नाम: कितनी जमीन  
    🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
    🔸 विषय: लालच, संतोष, और मानव स्वभाव 
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    जीवन में संतोष का मूल्य  
    मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया। 
    प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और 'कफन' शामिल हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समाज के निम्न और मध्यम वर्ग की जिंदगी की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक न्याय, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे। प्रेमचंद का साहित्य सरल भाषा, मार्मिक शैली और यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और इसे जनसाधारण के करीब लाया। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका साहित्य आज भी प्रेरणादायक है और हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा है।
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