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Sharab Ki Dukan - A Story by Munshi Premchand - शराब की दुकान - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - cover
RIPRODURRE CAMPIONE

Sharab Ki Dukan - A Story by Munshi Premchand - शराब की दुकान - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

Munshi Premchand

Narratore Munshi Premchand

Casa editrice: LOTUS PUBLICATION

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Sinossi

शराब की दुकान - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - Sharab Ki Dukan - A Story by Munshi Premchand 
"शराब की दुकान" मुंशी प्रेमचंद की एक बेहतरीन कहानी है जो समाज में शराब के बढ़ते प्रचलन और इसके दुष्प्रभावों को उजागर करती है। यह कहानी समाज के कमजोर वर्गों पर शराब के दुष्प्रभाव और इसकी वजह से होने वाले आर्थिक और नैतिक पतन को दर्शाती है।  
यह कहानी पाठकों को सोचने पर मजबूर करती है कि किस तरह शराब जैसी बुराई समाज में जड़ें जमाती है और इसके प्रभावों से कैसे बचा जा सकता है। मुंशी प्रेमचंद की इस कहानी को सुनें और इससे मिलने वाले सामाजिक संदेश को आत्मसात करें। 
🔸 कहानी का नाम: शराब की दुकान  
🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
🔸 मुख्य विषय: शराब का प्रभाव और सामाजिक समस्याएं  
🌟 कहानी के मुख्य बिंदु:  
शराब की लत और इसका जीवन पर प्रभाव  
परिवार और समाज पर शराब का दुष्प्रभाव  
नैतिकता और समाज सुधार का संदेश  
मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महान लेखक थे। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन वे प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और संघर्षों को उजागर किया।  
प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और 'कफन' शामिल हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समाज के निम्न और मध्यम वर्ग की जिंदगी की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक न्याय, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे। प्रेमचंद का साहित्य सरल भाषा, मार्मिक शैली और यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और इसे जनसाधारण के करीब लाया। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका साहित्य आज भी प्रेरणादायक है और हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा है।
Durata: 38 minuti (00:38:19)
Data di pubblicazione: 09/02/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —