Nirmala - Munshi Premchand Ki Amar Kahani - निर्मला - मुंशी प्रेमचंद की अमर उपन्यास
Munshi Premchand
Narratore Munshi Premchand
Casa editrice: LOTUS PUBLICATION
Sinossi
निर्मला - मुंशी प्रेमचंद की अमर उपन्यास | Nirmala - Munshi Premchand Ki Amar Kahani मुंशी प्रेमचंद का कालजयी उपन्यास 'निर्मला' भारतीय समाज में नारी जीवन, दहेज प्रथा, और पारिवारिक जटिलताओं का मार्मिक चित्रण करता है। यह कहानी एक ऐसी लड़की की है, जिसे समाज की रूढ़ियों और परंपराओं के कारण अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 'निर्मला' केवल एक उपन्यास नहीं, बल्कि यह समाज को आईना दिखाने वाली रचना है, जिसमें प्रेमचंद ने नारी के संघर्ष, उसकी विवशता, और उसकी गरिमा को बेहद संवेदनशीलता के साथ उकेरा है। इस उपन्यास के पहले चार भाग सुनें और जानें निर्मला की जीवन यात्रा। मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास 'निर्मला' भारतीय समाज की रूढ़ियों, दहेज प्रथा, और नारी जीवन के संघर्ष का अमूल्य दस्तावेज है। इस उपन्यास में निर्मला की जीवन यात्रा और भी पेचीदा हो जाती है, जहां परिवार के भीतर के जटिल संबंध और सामाजिक बाधाएं उसकी स्थिति को और अधिक संवेदनशील बनाती हैं। जानें, कैसे निर्मला अपने आत्मसम्मान और मानवीय भावनाओं के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करती है। 🔸 उपन्यास का नाम: निर्मला 🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद 🔸 शैली: सामाजिक, भावनात्मक 🔸 मुख्य विषय: दहेज प्रथा, नारी जीवन, समाज की रूढ़ियाँ 🔸 मुख्य पात्र: निर्मला, उसके पति, और परिवार 🌟 कहानी के मुख्य बिंदु: दहेज प्रथा का कड़वा सच नारी जीवन की त्रासदी पारिवारिक संबंधों की जटिलताएँ मुंशी प्रेमचंद की सामाजिक दृष्टि मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं।
Durata: circa 6 ore (06:26:40) Data di pubblicazione: 11/01/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

