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यदि आप जीवित रहने के लिए चुने हैं - परिवर्तन पवित्र ग्रेल का रहस्य खंड 1 - cover

यदि आप जीवित रहने के लिए चुने हैं - परिवर्तन पवित्र ग्रेल का रहस्य खंड 1

मेलिना ओरिया

Traduttore इवायलो ओरेशकोव

Casa editrice: Publishdrive

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Sinossi

अनंत काल का अंतिम आह्वान। तैयार हो जाओ।यह उपन्यास केवल तुम्हें हिलाएगा नहीं – यह तुम्हें टुकड़े-टुकड़े कर देगा और राख से फिर से रचेगा।
 
यह कोई पुस्तक नहीं है। यह एक तूफ़ान है। एक जीवित द्वार। एक चुनौती जो तुम्हें निगल लेती है, कुचल देती है और तुम्हें पुनर्जन्म के रूप में बाहर फेंकती है।
 
प्रलय के झूठ को भूल जाओ। वह आने वाली नहीं है। वह पहले से ही यहाँ है। अभी।
 
एक ऐसी दुनिया में, जो अदृश्य युद्धों से चीर दी गई है, तुम्हारे हाथों में जीवित रहने का विस्फोटक कोड है। ग्रेल। कडुशियस। सन्दूक। प्राचीन प्रतीक लाल ज्वालाओं में जागते हैं और मानवता की निर्मम नियति को प्रकट करते हैं।
 
एक ब्रह्मांडीय दरार के किनारे पर, हर निर्णय एक शह और मात है – एक घातक जाल। कोई वापसी नहीं। कोई बचाव नहीं। और फिर भी – टूटी हुई भ्रांतियों की राख के नीचे, तुम्हारे मन की छिपी परतों में – कुछ धड़क रहा है। एक अज्ञात शक्ति। एक शक्ति जो वास्तविकता को ही फिर से लिख सकती है।
 
क्या तुम्हारे पास हिम्मत है कि तुम अपने भीतर सोए हुए को मुक्त कर सको?
 
यह है कहानी: नाथानिएल – पीड़ा से जन्मा। मेलिना – अंत की संरक्षिका। और तुम – चुने हुए, जो अनंतता के द्वार के सामने खड़े हो।
 
हर पृष्ठ एक परीक्षा है। हर शब्द – निषिद्ध सत्यों की एक कुंजी। रहस्यों को उजागर करो। क्वांटम कोड को डिकोड करो। वहाँ जीवित रहने का चुनाव करो जहाँ औरों की चीखें विफल हो चुकी हैं।
 
क्या तुम वही हो जो नियम तोड़ता है? जो अनिवार्यता के परदे को पार करता है?
 
क्या तुम इसे खोलने का साहस करोगे?
 
जागृति की उलटी गिनती: 00:00:07…
 
एक डिस्टोपियन आध्यात्मिक थ्रिलर, जो प्राचीन प्रतीकों, क्वांटम रहस्योद्घाटनों और एक अविस्मरणीय प्रेम को जोड़ता है – जो समय से परे है।
Disponibile da: 17/08/2025.
Lunghezza di stampa: 540 pagine.

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    यह ऑडियोबुक प्रकृति के प्रकोप, मानव साहस और भाग्य के निर्दयी मोड़ की एक सशक्त दास्तान है — धनुषकोड़ी की अंतिम ट्रेन सुनने के बाद उसकी गूंज लंबे समय तक आपके मन में बनी रहेगी। 
    सूची: 
    प्रस्तावना – भूतिया स्टेशन की रहस्यमयी रात 
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    अध्याय 8 – भूतिया ट्रेन की वापसी 
    अध्याय 9 – निर्णायक विकल्प 
    अध्याय 10 – उपसंहार: अंतिम प्रस्थान 
    Title: धनुषकोड़ी की अंतिम ट्रेन ( Last Train to Dhanushkodi ) 
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    Language: Hindi 
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    Length: 59 Min 
    Audiobook Narrated and Published by: Sweet Audible (2025) 
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  • दो बैलों की कथा - मुंशी प्रेमचंद - Do Bailon Ki Katha - Munshi Premchand - cover

    दो बैलों की कथा - मुंशी प्रेमचंद...

    मुंशी प्रेमचंद

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    दो बैलों की कथा - मुंशी प्रेमचंद | Do Bailon Ki Katha - Munshi Premchand 
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    कलम के जादूगर प्रेमचंद की कहानियाँ आज भी बड़े ही ध्यान और सम्मान के साथ सुनी जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं प्रेमचंद की वो कहानियाँ जो उनके कथा संकलन ‘मान सरोवर’ से ली गई हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ अपने समय की हस्ताक्षर हैं जिनमें आप तब के परिवेश और समाज को भी बखूबी समझ सकते हैं। यूं तो मुंशी जी ने अपनी कहानियाँ हिंदी में ही लिखी हैं फिर भी हमारा ये प्रयास है की उनकी कहानियाँ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचे और इसलिए हमने उन्हें थोड़ी और सरल भाषा में प्रस्तुत किया है। इन कहानियों को ख़ास आपके लिए तैयार किया है। तो आइए सुनते हैं प्रेमचंद की विश्व प्रसिद्ध कहानियाँ! 
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    Hajj-e-Akbar - A Story by Munshi...

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    हज्ज-ए-अकबर - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी - Hajj-e-Akbar - A Story by Munshi Premchand 
    "हज्ज-ए-अकबर" मुंशी प्रेमचंद की एक गहरी और विचारोत्तेजक कहानी है, जो समाज में धर्म और मानवता के सही अर्थों पर आधारित है। यह कहानी इंसानियत, आत्म-त्याग, और जीवन के गहरे मूल्यों को उजागर करती है।  
    🔸 कहानी का नाम: हज्ज-ए-अकबर  
    🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
    🔸 विषय: धर्म और मानवता का वास्तविक अर्थ 
    🌟 कहानी के मुख्य बिंदु:  
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    प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और 'कफन' शामिल हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समाज के निम्न और मध्यम वर्ग की जिंदगी की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक न्याय, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे। प्रेमचंद का साहित्य सरल भाषा, मार्मिक शैली और यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और इसे जनसाधारण के करीब लाया। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका साहित्य आज भी प्रेरणादायक है और हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा है।
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