जब तक चाहें जवान रहें
Mahesh Sharma
Casa editrice: Publishdrive
Sinossi
इस किताब की शुरुआत लेखक ने उन लोगों की कहानियों से की जो उम्र से पहले ही खुद को बूढ़ा मान बैठे थे। लेकिन लेखक मानते हैं कि युवावस्था एक मानसिकता है, न कि केवल उम्र का मामला। आधुनिक विज्ञान जैसे न्यूरोप्लास्टिसिटी और ग्लाइम्फैटिक सिस्टम से यह साबित होता है कि हमारा मस्तिष्क और शरीर लंबे समय तक सक्रिय और लचीला रह सकता है। यह पुस्तक जटिल शोधों को सरल कहानियों, रूपकों और व्यावहारिक सुझावों के रूप में प्रस्तुत करती है। इसमें आम लोगों की प्रेरणादायक कहानियां हैं और रोजमर्रा में अपनाई जा सकने वाली आदतें दी गई हैं। यह किताब बताती है कि ऊर्जा, उत्साह और उद्देश्य हर उम्र में संभव हैं। यह किताब सिर्फ़ अधिक जीने की नहीं, बल्कि जीवंत और सार्थक रूप से जीने की बात करती है। यह एक ऐसा मार्गदर्शक है जो पाठकों को याद दिलाता है कि असली युवावस्था रोज़ लिए गए निर्णयों और सोच की दिशा में छुपी होती है।
