Ehsaas Kuch Khaas
Himanshu Shukla
Narratore Digital Voice
Casa editrice: Walnut Publication
Sinossi
"एहसास कुछ खास" इस किताब में पूरी कोशिश की गई है आप तक कुछ पहुंचाने की i कोशिश सफल हो सकती है और असफल भी i हालाँकि, संवाद आपसे सीधा और सरल है i इसे और सरल बनाने के लिए व्याख्यान भी दिया गया है i ये संवाद बहुत ही आम है, आप तक किसी ना किसी माध्यम से पहुंचना ही था, या बहुत सारे माध्यमों से लगातार आप तक पहुंच ही रहा था, मगर आपकी मौन स्वीकृति और आपकी मौन मुस्कान ही इसे खास बना सकती है i पाठको से निवेदन है की आप जब भी इसे पढ़े तो अपने को थोड़ा हल्का कर के पढ़े i हल्का करने का अर्थ अपने आपको, अपने से ही थोड़ा अलग करके, अपनी सारी परिभाषाओ को बस थोड़ी देर भूलकर इस किताब को पढ़े । एक निवेदन और है ,उन पाठको से जो लेखक को, व्यकितगत रूप से जानते हैi अगर आप जानते है तो जब तक इस किताब को पढ़े, ये मान ले की आप लेखक को बिलकुल नहीं जानते i ये आपको पढ़ने की यात्रा में और अधिक आनंद देगा i इस किताब का असली मकसद आपको हल्का करना ही है, इतना हल्का करना की आप बहुत सारी बेड़ियाँ जो आभूषण की तरह पहनी है, उन्हें उतार सके i यकीन मानिये अगर आप और हम मिलकर, इसमें सफल हो गये तो एक नया अनुभव करेंगे i इस अनुभव को भाषा में व्यक्त भी नहीं किया जा सकता i
Durata: 29 minuti (00:29:07) Data di pubblicazione: 03/08/2025; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —

