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कागभुशुंडी:कलयुग का गूढ़ रहस्य:...
Dharmendra Mishra
📖 कागभुशुण्डि—एक अमर योगी, महान ऋषि और दिव्य दृष्टा, जो रामायण के गूढ़ रहस्यों के ज्ञाता हैं। उनकी कथा में छुपा है भक्ति, ज्ञान, मोक्ष और अनंत कालचक्र का रहस्य। 🌿🕉️ 🔱 क्या है यह पौराणिक ऑडियो सीरीज़? यह एक सुनने योग्य महागाथा है, जो श्रीमद् रामायण के गूढ़ रहस्यों को आधुनिक ध्वनि प्रभाव और संवेदनशील वाचन के माध्यम से जीवंत करेगी। इसमें होंगे ऋषि कागभुशुण्डि और गरुड़ जी के संवाद, जिनमें छिपे हैं अवतार, कर्म, माया, मृत्यु और मोक्ष के गूढ़ रहस्य। 🔊✨ 📌 इस सीरीज़ में क्या मिलेगा? 🔸 कालचक्र का रहस्य—अतीत, वर्तमान और भविष्य एक साथ कैसे जुड़े हैं? 🔸 भगवान राम के जीवन का अद्भुत व्याख्यान 🔸 कर्म और पुनर्जन्म की गहरी व्याख्या 🔸 भगवद भक्ति और ज्ञानमार्ग की अद्वितीय शिक्षा 🔸 मृत्यु, परलोक और मोक्ष के अनकहे रहस्य 🔸 ऋषियों और देवताओं के संवाद—सारगर्भित उपदेश 🎧 क्यों सुने यह ऑडियो सीरीज़? ✅ पौराणिक ग्रंथों पर आधारित सटीक और प्रमाणिक कथा ✅ आधुनिक कहानी कहने की शैली और ध्वनि प्रभाव ✅ भक्ति, ज्ञान और ध्यान के लिए प्रेरणादायक ✅ हिन्दू संस्कृति और सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर 🕉️ अमर कथा, अनंत ज्ञान, शाश्वत सत्य! 🙏 सनातन संस्कृति का गौरव, आत्मा का जागरण!
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Chunnu-Munnu - kids story
Dharmendra Mishra
"चुन्नू-मुन्नू" दो प्यारे खरगोश भाइयों की दिलचस्प और रोमांचक कहानी है। चुन्नू और मुन्नू एक सुंदर बागीचे में साथ-साथ खुशहाल जीवन बिता रहे थे। दोनों में गहरा प्यार था और वे कभी एक-दूसरे से अलग नहीं होते थे। लेकिन एक दिन उस बागीचे में आ जाती है चालाक और खूंखार बिल्ली — कबरी। उसकी नज़र इन भोले खरगोशों पर पड़ती है और वह तय करती है कि उन्हें अपना शिकार बनाएगी। कबरी अपनी चालाकी से दोनों भाइयों के बीच फूट डाल देती है। चुन्नू, जो भोला और मासूम था, उसकी बातों में आकर मुन्नू से दूर चला जाता है। और फिर, जैसे ही वह बागीचे से बाहर कदम रखता है, कबरी अपने असली रूप में आकर उस पर घातक हमला करती है! अब सवाल है — क्या चुन्नू अपनी जान बचा पाएगा? क्या मुन्नू अपने भाई को समय रहते बचा सकेगा? जानिए आगे क्या होता है इस रोमांच, सस्पेंस और भावनाओं से भरी कहानी में — 🎧 सुनिए “चुन्नू-मुन्नू” — एक ऐसी ऑडियो स्टोरी जो बच्चों को सिखाती है कि आपसी प्रेम और विश्वास ही असली ताकत है!
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Karwan E Hayat
विजय कुमार "नाकाम"
विजय कुमार 'नाकाम का कविता संग्रह पढ़ते हुए यूं महसूस होता है। जैसे हम अपने ही जीवन के किसी हिस्से की कथा पढ़ रहे हैं । कविता में दर्द की प्रमुखता है और प्रभावित भी करता है पढ़ते हुए लगता है कवि की जिंदगी दर्द की गलियों से ज्यादा गुजरी है परिस्थिति वश दबा ढका दर्द उभर कर कविता में उतरा होगा। कहीं पर मुस्कराहट भी है, व्यंग भी है। सामाजिक विसंगति यों पर कटाक्ष भी है। कई कविता में कवि ने कई मशहूर हस्तियों, शायरों और बादशाहों को याद करते हुए उनके साथ हुए हादसों का वर्णन किया है। जिसे पढ़ते हुए विद्वान पाठक को वर्णित व्यक्ति की याद आ जाती है। संग्रह में आध्यात्मिक रस से ओतप्रोत कविता 'उलझन' भी हैं शुरुआत में पता ही नहीं चलता, मगर अंत में लगता हैं कि कवि अपने प्रयास में सफल हुआ है। कई अत्यन्त गूढ़ शब्द प्रयोग किए गए हैं जो योग एवं अध्यात्म से जुड़े लोग ही समझ पाएंगे। बुढ़ापे में अनगिनत समस्याओं का विशद और दर्दनाक वर्णन हुआ है। एक सामाजिक बुराई की ओर इंगित करते हुए युवा पीढ़ी को नसीहत देते हुए बड़ी नफासत से अपनी बात कही गई है। डरे डरे से कदम कोरोना काल पर हर एक पहलू से अवलोकन करते हुए कवि बड़ी गहनता से हर समस्या, पीड़ा और यातना का सटीक वर्णन करता है। किताब का दर्द में समसामयिक मुक्त कविता का चलन हुआ है विषय पर गहनता से अध्ययन कर के हर पहलू को बताया गया है जब से छंद तब से स्वयं प्रकाशन करने की प्रतियोगिता-सी चल पड़ी है। हर कोई लेखक बन गया है। लिखा खूब जा रहा है प्रकाशित भी हो रहा हैं। प्रकाशन एक सुव्यवस्थित व्यवसाय हो गया है लेखक भी यही व्यवस्था का भुक्तभोगी है। प्रकाशित पुस्तकों का अंजाम क्या होता है? या तो मुफ्त में वितरित होती है या उधई या कबाड़ी का पेट भरता है। कई कविताएं लेखक ने अपने परिवार के सदस्यों के ऊपर लिखी है। जिसकी भाषा से यही पर लक्षित होता है कि उर्दू के साथ हिन्दी पर भी कवि का समान अधिकार है। शेर और मुक्तक भी अच्छे लिखे गए हैं। उर्दू के साथ-साथ हिन्दी का भी व्यापक उपयोग हुआ हैं। हिंदी भाषियों के लिए कवि अगर कठिन उर्दू शब्दों का अर्थ भी रचना के अंत में दिया गया होता तो कविता संग्रह की उप देयता और बढ़ जाती।
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Khwahis
आयुषी खरे
दिल वालों के भारत के दिल में बसे इक शहर की ये कहानी, कहानी एक मुहब्बत की, कहानी दो दिलों की. दिल! दिल, इस ही से तो शुरू होता है, हर फ़साना; इस ही पर तो मुकम्मल होती है हर मुहब्बत. हर एहसास का ठिकाना, हर दिल्लगी की रहगुज़र, ये दिल. मिलिए राजीव और सरगम से, आपकी अपनी ज़िन्दगी से इत्तेफ़ाक रखती उनकी ज़िन्दगी से, कुछ हकीकतों से, बेहद और बेशर्त मुहब्बत से और इक ख़्वाहिश से, मुहब्बत की इस खूबसूरत दास्ताँ ख़्वाहिश में...
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मस्तिष्क विज्ञान और पढ़ाई आसान
Dr vinod sharma
हमारे दिमाग का सबसे महत्वपूर्ण काम है सूचनाओ को सही तरीके से रखना और जरूरत पड़ने पर पुनः प्राप्त करना। जिसे हम री-कलेक्शन कहते है। इन्फॉर्मेशन को प्राप्त करना कहलाता है याद करना यानी मेमोराइजेशन, दिमाग मे रखना कहलाता है रिटेंशन और 'पुनः प्राप्त करना यानी याद आना कहलाता है री - कलेक्शन | याद तो हम सब कुछ करते है, लेकिन सब कुछ याद आता नही है। क्योकि याद आना निर्भर करता है की दिमाग मे सूचना कहाँ और किस तरह से रखी गयी है। सूचना को अच्छी तरह से सही जगह पर रखने के लिए हमे एसोसियशन की जरूरत पड़ती है। इस पुस्तक में हम जानेंगे कि कैसे जल्दी और बिना रटे याद करें और क्या करें कि ना भूले, साथ ही मस्तिष्क विज्ञान के रोचक और मनोरंजक प्रयोग करेंगे और दिमाग को तेज करना सीखेंगे|
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