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सदाबहार व्यक्तित्वों की आत्मकथाएँ - cover

सदाबहार व्यक्तित्वों की आत्मकथाएँ

रोहन शर्मा

Editorial: Publishdrive

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Sinopsis

"सदाबहार व्यक्तित्वों की आत्मकथाएँ" एक ऐसी किताब है जो इतिहास की प्रसिद्ध 44 हस्तियों की आत्मकथाएं उनके अपने शब्दों में प्रस्तुत करती है। इसमें अरस्तू, सिकंदर महान, और बीथोवेन जैसे महान व्यक्तियों के विचार, संघर्ष, और जीवन की झलक प्रथम-व्यक्ति शैली में दी गई है, जिससे पाठक सीधे उनसे जुड़ाव महसूस कर सकते हैं। इन आत्मकथाओं में सिर्फ घटनाओं का विवरण नहीं है, बल्कि व्यक्तियों की भावनाएं, चिंतन, और निजी अनुभव भी हैं जो उन्हें और मानवीय बनाते हैं। यह पुस्तक सिर्फ ऐतिहासिक ज्ञान नहीं देती बल्कि प्रेरणा और आत्मचिंतन का माध्यम भी बनती है।लेखक ने प्रत्येक आत्मकथा को उस व्यक्ति की शैली और स्वर में लिखा है, जिससे उनकी अलग-अलग आवाज़ों का सम्मान हो सके। ऐतिहासिक तथ्यों की सटीकता के साथ, रचनात्मकता का संतुलन बनाकर प्रस्तुत की गई ये आत्मकथाएं पाठकों को अतीत की गहराई में ले जाती हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य इन महान लोगों के जीवन से सीख लेना और यह दिखाना है कि कैसे संघर्ष, हौसला और स्वप्न हर युग में इंसान को आगे बढ़ाते हैं। यह संग्रह मानवीय अनुभवों की विविधता और गहराई को उजागर करता है, जो आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं।
Disponible desde: 22/05/2025.
Longitud de impresión: 325 páginas.

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    Iron Man Sardar VallabhBhai Patel - लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल 
    लौह पुरुष सरदार वल्लभाई पटेल सिर्फ आदर्श व्यक्ति ही नहीं, बल्कि साहसी और प्रखर इंसान थे। उन्होंने पूरे देश को एक करने में भरपूर कोशिश की । उनका नाम तो सरदार वल्लभाई पटेल था पर उनके महान कार्यो के कारण उन्हें लौह पुरुष की उपाधि दी गई। 
    1 . ट्रेलर 
    लौह पुरुष सरदार वल्लभाई पटेल सिर्फ आदर्श व्यक्ति ही नहीं, बल्कि साहसी और प्रखर इंसान थे। उन्होंने पूरे देश को एक करने में भरपूर कोशिश की । उनका नाम तो सरदार वल्लभाई पटेल था पर उनके महान कार्यो के कारण उन्हें लौह पुरुष की उपाधि दी गई। 
    2 . सरदार का जन्म 
    सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 गुजरात के एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम झवेरभाई और माता का नाम लाडबा देवी था। किसान परिवार में जन्म लेने की वजह से पढ़ने लिखने में उन्हें थोड़ी तकलीफ हुई। 
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    This audiobook is narrated by an AI Voice.   
    भूमिका: 
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    सूची: 
    भूमिका 
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    प्रस्तावना: मिट्टी का बेटा 
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    इस प्रयोजन को सफल बनाने के लिए आदि शंकराचार्य ने अपने छोटे से जीवन काल में जो अभूतपूर्व कामगिरी की, यह पुस्तक उसका दर्शन कराती है। साथ ही जीवन प्रयोजन की पूर्णता का मार्ग भी दिखाती है। 
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