Join us on a literary world trip!
Add this book to bookshelf
Grey
Write a new comment Default profile 50px
Grey
Subscribe to read the full book or read the first pages for free!
All characters reduced
Meghdoot with Audio - cover

Meghdoot with Audio

Kali Das

Publisher: Sai ePublications

  • 0
  • 4
  • 0

Summary

आप इस पुस्तक को पढ़ और सुन सकते हैं।-------------------------------------
 
मेघदूतम् महाकवि कालिदास द्वारा रचित विख्यात दूतकाव्य है। इसमें एक यक्ष की कथा है जिसे कुबेर अलकापुरी से निष्कासित कर देता है। निष्कासित यक्ष रामगिरि पर्वत पर निवास करता है। वर्षा ऋतु में उसे अपनी प्रेमिका की याद सताने लगती है। कामार्त यक्ष सोचता है कि किसी भी तरह से उसका अल्कापुरी लौटना संभव नहीं है, इसलिए वह प्रेमिका तक अपना संदेश दूत के माध्यम से भेजने का निश्चय करता है। अकेलेपन का जीवन गुजार रहे यक्ष को कोई संदेशवाहक भी नहीं मिलता है, इसलिए उसने मेघ के माध्यम से अपना संदेश विरहाकुल प्रेमिका तक भेजने की बात सोची। इस प्रकार आषाढ़ के प्रथम दिन आकाश पर उमड़ते मेघों ने कालिदास की कल्पना के साथ मिलकर एक अनन्य कृति की रचना कर दी।
 
मेघदूतम् काव्य दो खंडों में विभक्त है। पूर्वमेघ में यक्ष बादल को रामगिरि से अलकापुरी तक के रास्ते का विवरण देता है और उत्तरमेघ में यक्ष का यह प्रसिद्ध विरहदग्ध संदेश है जिसमें कालिदास ने प्रेमीहृदय की भावना को उड़ेल दिया है।
 
------------------------
 
पूर्वमेघ
 
1कश्चित्‍कान्‍ताविरहगुरुणा स्‍वाधिकारात्‍प्रमत:शापेनास्‍तग्‍ड:मितमहिमा वर्षभोग्‍येण भर्तु:।यक्षश्‍चक्रे जनकतनयास्‍नानपुण्‍योदकेषुस्निग्‍धच्‍छायातरुषु वसतिं रामगिर्याश्रमेषु।।कोई यक्ष था। वह अपने काम में असावधानहुआ तो यक्षपति ने उसे शाप दिया किवर्ष-भर पत्‍नी का भारी विरह सहो। इससेउसकी महिमा ढल गई। उसने रामगिरि केआश्रमों में बस्‍ती बनाई जहाँ घने छायादारपेड़ थे और जहाँ सीता जी के स्‍नानों द्वारापवित्र हुए जल-कुंड भरे थे।2तस्मिन्‍नद्रो कतिचिदबलाविप्रयुक्‍त: स कामीनीत्‍वा मासान्‍कनकवलयभ्रंशरिक्‍त प्रकोष्‍ठ:आषाढस्‍य प्रथमदिवसे मेघमाश्लिष्‍टसानुवप्रक्रीडापरिणतगजप्रेक्षणीयं ददर्श।।स्‍त्री के विछोह में कामी यक्ष ने उस पर्वतपर कई मास बिता दिए। उसकी कलाईसुनहले कंगन के खिसक जाने से सूनीदीखने लगी। आषाढ़ मास के पहले दिन पहाड़ कीचोटी पर झुके हुए मेघ को उसने देखा तोऐसा जान पड़ा जैसे ढूसा मारने में मगनकोई हाथी हो।
Available since: 05/11/2017.

Other books that might interest you

  • Isaac Newton - cover

    Isaac Newton

    Preeti Shrivastav

    • 0
    • 0
    • 0
    "सर आइजक न्यूटन अपने समय के बड़े एवं प्रतिष्‍ठित वैज्ञानिकों में थे। उनकी प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके बारे में कहा जाता था—प्रकृति अँधेरे में थी;प्रकृति के नियम अँधेरे में थे; तब न्यूटन पैदा हुए और चारों ओर उजाला हो गया।गुरुत्वाकर्षण का प्रसिद्ध सिद्धांत; जिसके अनुसार पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपने केंद्र की ओर खींचती है; न्यूटन ने स्थापित किया था। न्यूटन का महान् ग्रंथ 'प्रिंसिपिया' विश्‍वप्रसिद्ध है; जिसमें उनके गति-नियमों (Laws of Motion) की व्याख्या है। इसके अतिरिक्‍त उन्होंने और भी अनेक खोजें की थीं।प्रस्तुत पुस्तक में न्यूटन के जीवन से संबंधित अनेक महत्त्वपूर्ण संदर्भों एवं घटनाओं तथा उनके स्वभाव; व्यवहार व प्रवृत्तियों का ब्योरेवार वर्णन है। विश्‍वास है; इस किताब को सुनकर आप सर आइजक न्यूटन के जीवन से संबंधित अनेक तथ्यों एवं संदर्भों को जान सकेंगे।"
    Show book
  • Spoken English Digest - cover

    Spoken English Digest

    Rashmeet Kaur

    • 0
    • 0
    • 0
    भाषा संवाद का माध्यम है. बोलियाँ क्षेत्र-विशेष तक सीमित रहती हैं, वहीं भाषाएँ बढ़ते संचार माध्यम के सहारे अपनी क्षेत्रीय सीमाएँ तोड़कर प्रांतीय, देशीय और अंतरराष्ट्रीय बन जाती हैं. आज अंग्रेजी भाषा को इसी श्रेणी में रखा जा सकता है. यह न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को परस्पर जोड़ रहीं है, बल्कि बैंक, अस्पताल, स्कूल, कोर्ट, हवाईअड्डों इत्यादि स्थानों पर संचार और संवाद की प्रमुख भाषा के रूप में प्रयुक्त होती है. इतना ही नहीं अंग्रेजी आज रोजगार की भी प्रमुख भाषा बन गई है. अच्छी अंग्रेजी के ज्ञान के लिए अंग्रेजी बोलने की शुरुआत अपने घर से ही की जाए तो सबसे बढ़िया है, क्योंकि यहाँ बोलचाल का अभ्यास बेझिझक किया जा सकता है. प्रस्तुत पुस्तक में इसी तरह के अभ्यास से अंग्रेजी सिखाने की शुरुआत की गई है, जो बोलने, सीखने और व्यवहार में बेहद सरल है. छोटे-छोटे सरल वाक्यों द्वारा बैंक, घर, अस्पताल, रेलवे पूछताछ, हवाई अड्डों, दुकानों आदि पर किए जानेवाले संवाद को अंग्रेजी के सरल वार्त्तालाप द्वारा समझाया गया है. इसके नियमित अभ्यास से आप कुछ ही दिनों में ही अंग्रेजी बोलने में सक्षम हो सकते हैं.
    Show book
  • Kitne Chaurahe - cover

    Kitne Chaurahe

    Fanishwarnath Renu

    • 0
    • 0
    • 0
    कितने चोराहे ' एक उपन्यास हैं जिसके रचिता फनिश्वरनाथ रेणु हैं इस उपन्यासमे आज़ादी के ठीक पहलें तथा उसके अंत में आज़ादी के तुरंत बाद के ग्रामीण भारत में हो रही गतिविधियोंको चित्रित किया गया हैं उपन्यास का परिवेश उत्तर बिहार का काशी क्षेत्र हैं.
    Show book
  • Google Success Story - cover

    Google Success Story

    Pradeep Thakur

    • 0
    • 0
    • 0
    गूगल लोगों को सूचनाओं के साथ जुड़ने के तरीके में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करता है. यह सभी आकार के संस्थानों हेतु विभिन्न प्रकार की सेवाएँ व सॉफ्टवेयर टूल प्रदान करता है. कंपनी मुख्य रूप से खोज, विज्ञापन, ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लीकेशन प्लेटफॉम, उद्यम व हार्डवेयर उत्पाद आदि क्षेत्रों में कार्यरत हैं. विश्व की संपूर्ण जानकारियों को सर्वसुलभ बनाने के व्यापक उद्देश्य से गूगल ने वेबसाइटों व अन्य ऑनलाइन सामग्री की विशाल इंडेक्स बनाई है, जिन्हें गूगल सर्च इंजन के माध्यम से इंटरनेट संयोजकता वाले किसी भी कंप्यूटर उपकरण पर खोजा जा सकता है. गूगल इन खोजों के विषयों के साथ ही उपयोगकर्ताओं को 'गूगल एडसेंस', 'गूगल एडवर्ड्स', 'गूगल डिस्प्ले', 'गूगल लोकल', 'एडमोब' आदि सॉफ्टवेयर साधनों के माध्यम से विभिन्न उत्पादों के विज्ञापन प्रदर्शित करने की सुविधा भी प्रदान करता है. आज अपनी सरलीकृत उपयोगिता के कारण इसे 'गूगल बाबा' भी कहा जाने लगा है, क्योंकि इसके पास प्रायः सभी जानकारियों का भंडार है. यह पुस्तक श्रेष्ठतम शोध और अनुसंधान के बल पर प्रामाणिक जानकारियाँ उपलब्ध करानेवाली कंपनी 'गूगल' की सक्सेस स्टोरी है.
    Show book
  • Gopal Bhand ki Anokhi Duniya - cover

    Gopal Bhand ki Anokhi Duniya

    Ashok Maheshwari

    • 0
    • 0
    • 0
    ये किताब बच्चों के लिए भी है और बड़ों के लिए भी! इसमें एक भारतीय रस है, जिसकी मिठास में सुनने वाल खो सा जाता है! ऐसी किताबें इस बात का प्रमाण हैं कि आज के समाज में कहानियाँ सुनना कितना जरूरी है!
    Show book
  • Tughlaq - cover

    Tughlaq

    Girish Karnad

    • 0
    • 0
    • 0
    देश के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कन्नड़ लेखक गिरीश क़र्नाड़ का यह नाटक भारत के महानतम आधुनिक नाटकों में से एक माना जाता है और पिछले कई दशकों में इसकी प्रस्तुतियाँ देश की अलग अलग भाषाओं में हुई हैं. अब्राहम अलकाजी के प्रसिद्ध प्रोडक्शन से अब तक इस नाटक की लोकप्रियता और प्रासंगिकता कभी कम नहीं हुई है. दिल्ली के मशहूर 'क्षितिज थियेटर ग्रुप' के कलाकारों के वाचिक अभिनय से सजी स्टोरीटेल थियेटर सिरीज़ की ये पेशकश, इस नाटक का पहला ऑडियो मंचन है।
    इसका निर्देशन प्रसिद्ध थिएटर आर्टिस्ट भारती शर्मा ने किया है.
    Show book